रायपुर। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरि तीर्थ में शनिवार देर रात 2:35 बजे दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपना शरीर त्याग कर समाधी ले ली। कर्नाटक में जन्मे आचार्य विद्यासागर महाराज का जन्म 10 अक्टूबर 1946 शरद पूर्णिमा को कर्नाटक के बेलगांव जिले के सदलगा ग्राम में हुआ था। विद्यासागर जी महाराज वहीं जैन मुनि थे जिनका आशीर्वाद लेने पिछले साल पीएम मोदी चंद्रगिरी जैन मंदिर पहुंचे थे। बता दें कि, विद्यासागर जी महाराज ने समाधी लेने से पहले आचार्य पद का त्याग करते हुए 3 दिन का उपवास लिया था। इस दौरान उन्होंने अखंड मौन धारण कर लिया था। गौरतलब है कि, 6 फरवरी मंगलवार को दोपहर मुनियों को अलग भेजकर निर्यापक श्रमण मुनिश्री योग सागर जी से चर्चा करते हुए संघ संबंधी कार्यों से निवृत्ति ले ली और उसी दिन आचार्य पद का त्याग कर दिया था।
मयसागर जी महाराज को बनाया उत्तराधिकारी
उन्होंने आचार्य पद के योग्य प्रथम मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समयसागर जी महाराज को योग्य समझा और तभी उन्हें आचार्य पद देने की घोषणा कर दी। हालांकि इसकी विधिवत जानकारी कल दी जाएगी।
गुरुवार को होगा अंतिम संस्कार
गुरुवार को महाराज विद्यासागर जी का डोला (अंतिम यात्रा) चंद्रगिरि तीर्थ डोंगरगढ में दोपहर 1 बजे से निकाला जाएगा। चन्द्रगिरि तीर्थ पर ही पार्थिव देह को पंचतत्व में विलीन किया जाएगा।