रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश में विकास की गति को तेज करने विभागवार समीक्षा बैठकों का सिलसिला शुरू किया। बैठकों की शुरूआत अन्नदाताओं से जुड़े कृषि और उद्यानिकी विभाग की समीक्षा से हुई। बैठक में कृषि विकास, किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रामविचार नेताम भी उपस्थित थे।
बैठक में मुख्यमंत्री के खेती-किसानी के वृहद अनुभव की दिखी झलक, कृषि के विकास के बताए गुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय लंबे समय तक खेती-किसानी से जुड़े रहे हैं। उन्होंने जमीनी स्तर पर खेती-किसानी का कार्य किया है और इससे अपने परिवार का भरण-पोषण भी किया है। खेती-किसानी में उनके वृहद अनुभव की झलक समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों में स्पष्ट रूप से सामने आयी। अपने खेती-किसानी के अनुभव साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि एक बार पहले जब उन्होंने डीएपी खाद की मांग की थी, तब उन्हें दूसरी खाद मिली, खाद के बोरे में डीएपी की मार्किंग थी, लेकिन बोरे में दूसरी खाद थी, हमारे किसान भाईयों के साथ यह न हो, यह सुनिश्चित करें।
सीएम कहा कि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता खेती-किसानी की बेहतरी को लेकर है। अत: किसानों को खेती-किसानी में सहुलियतें प्रदान करने के लिए खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। भण्डारण और वितरण की स्थिति की लगातार निगरानी की जाए। किसानों को खाद-बीज के वितरण के समय इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि किसानों को उनकी मांग के अनुरूप खाद और बीज मिले।
सीएम साय ने किसानों की ज्यादा आमदनी के लिए प्रदेश में सुगंधित और महीन धान की किस्मों को ढूंढ कर इनके उत्पादन के लिए पूरे प्रदेश के किसानों को जागरूक करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सुगंधित धान की लगभग 200 किस्में हैं। इनकी बाजार में अच्छी मांग है। इन किस्मों का विदेशों में निर्यात भी किया जा सकेगा। इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।
उन्होंने उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के निर्देश देते हुए कहा कि जशपुर जिले में आम, लीची, कटहल का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। चाय का उत्पादन भी प्रारंभ हुआ है। इनके प्रसंस्करण इकाई की स्थापना भी की जाए।
उन्होंने कहा कि खरीफ का सीजन आ गया है। मानसून भी इस वर्ष पहले आने की संभावना है। मानसून आते ही खेती-किसानी का कार्य तेज गति से शुरू हो जाएगा। अधिकारी खरीफ मौसम के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर लें। उन्होंने कहा कि खाद्य बीज का वितरण किसानों को मांग के अनुरूप दिया जाए। साथ ही वितरण का नियमित रूप से मॉनिटरिंग हो। मुख्यमंत्री श्री साय ने किसानों को जैविक खेती, आधुनिक खेती से जोडऩे तथा किसानों के लिए कृषि उपकरणों की उपलब्धता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि क्लस्टर बनाकर कृषि यंत्र थ्रेसर और हार्वेस्टर आदि कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।