Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन का पावन पर्व पूरे देश में मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में रक्षाबंधन के त्योहार का विशेष महत्व होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है।
भद्राकाल के बीत जाने के बाद ही बांधी जाती राखी
इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। ऐसी मान्यता है जब भी भद्रा होती है तो इस दौरान राखी बांधना शुभ नहीं होता है। राखी हमेशा भद्राकाल के बीत जाने के बाद ही बांधी जाती है।हिंदू धर्म में राखी को रिश्तों में विश्वास को बढ़ावा देने का दिन माना जाता है।
इस दिन को सभी परिवारों में अलग-अलग मान्यताओं और प्रेम की भावनाओं के साथ मनाया जाता है। इस साल का राखी का पर्व सभी के लिए लाभ से भरा हुआ है। इस दिन सावन माह का आखिरी सोमवार और पूर्णिमा भी है।
रक्षाबंधन पर है भद्रा का साया
इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ के साथ भद्रा की शुरुआत होगी जो दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा, लेकिन इसका प्रभाव दोपहर के 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस दौरान रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया जाएगा। इस कारण इस बार रक्षाबंधन दोपहर बाद मनाया जाएगा।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
भद्रा के कारण राखी बांधने का मुहूर्त दोपहर में नहीं है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:30 से रात्रि 09:07 तक रहेगा। कुल मिलाकर शुभ मुहूर्त 07 घंटे 37 मिनट का रहेगा।
रक्षाबंधन पर शुभ योग
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5 बजकर 53 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट तक।