रायपुर। ACB-EOW द्वारा दर्ज नई FIR मामले में पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका पर हाइकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। मामले पर सुनवाई पूरी होने के बाद सिंगल बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि, पूर्व महाधिवक्ता ने रायपुर की ACB कोर्ट के फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती दी है। रायपुर की ACB कोर्ट की जिला सत्र न्यायाधीश निधि शर्मा द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। हाइकोर्ट में जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की सिंगल बेंच पूर्व AG की याचिका पर सुनवाई की। अब देखना होगा कि उच्च न्यायालय पूर्व AG को राहत देता है यार फिर निचली अदालत के फैसले को यथावत रखता है। पूर्व महाधिवक्ता ने यह याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता किशोर भादुड़ी के माध्यम से लगाई गई है।
बात दें कि, ACB कोर्ट ने पूर्व महाधिवक्ता की अग्रिम जमानत याचिका को अत्यंत गंभीर मामला बताते हुए खारिज कर दिया था।
ED ने SC में कहा था- इनके खिलाफ मुकदमा शुरू करने पर्याप्त सबूत
बता दें कि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि छत्तीसगढ़ के नागरिक आपूर्ति निगम (पीडीएस) घोटाले में आरोपी दो वरिष्ठ नौकरशाह अनिल कुमार टुटेजा और आलोक शुक्ला “अक्टूबर 2019 में शुक्ला को जमानत देने वाले उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के संपर्क में थे”। ईडी ने दावा किया था कि तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा दोनों और न्यायाधीश के बीच संपर्क बनाए हुए थे। ED ने अदालत में कहा था कि, तीनों के खिलाफ मुकदमा शुरू करने पर्याप्त सबूत है। इसी के बाद अब ACB-EOW ने तीनों के खिलाफ नई FIR दर्ज की है।