रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को दंतेवाड़ा अंतर्गत प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत मड़कामीरास से हिरोली हेल्थ सेंटर और हिरोली हेल्थ सेंटर से हिरोली कैम्प डोकापारा तक सड़क निर्माण में कथित भ्रष्टाचार को लेकर हंगामा हो गया। कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने इस मुद्दे को सदन में उठाते हुए सवाल किया कि इन सड़कों का कुल निर्माण लागत कितना था और अब तक कितना भुगतान किया गया है।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस सवाल का जवाब देते हुए बताया कि मड़कामीरास से हिरोली हेल्थ सेंटर तक 3.5 किलोमीटर सड़क और हिरोली कैम्प से डोकापारा तक 3.5 किलोमीटर सड़क बनाई गई। दोनों सड़कों की कुल लागत 4 करोड़ 36 लाख रुपये थी, जिसमें 1 करोड़ 81 लाख रुपये और 1 करोड़ 73 लाख रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है। हालांकि, चंद्राकर ने सवाल उठाया कि कार्य के मुकाबले भुगतान अधिक या कम हुआ है, जिसपर गृहमंत्री ने जवाब दिया कि काम का भुगतान एसटीमेशन से कम हुआ है, लेकिन टेंडर की राशि 10 प्रतिशत ज्यादा थी।
चंद्राकर ने इसके बाद सड़क निर्माण में गड़बड़ियों और शिकायतों का मुद्दा उठाया। गृहमंत्री ने बताया कि जिला निर्माण समिति के माध्यम से इस सड़क का निर्माण कराया गया था, और इसमें शिकायत मिलने पर जांच की गई। जांच में पाया गया कि ठेकेदार और कुछ अधिकारियों की लापरवाही के कारण गड़बड़ी हुई थी।
गृहमंत्री ने सदन में यह भी घोषणा की कि इस मामले में पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इन अधिकारियों में तत्कालीन कार्यपालन अभियंता अनिल राठौर, एसडीओ तारकेश्वर दीवान, सहायक अभियंता आरवी पटेल, और उप अभियंता रविकांत सारथी शामिल हैं। इसके अलावा, ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे ब्लैकलिस्ट किया गया है।
इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान चंद्राकर ने गृहमंत्री पर भ्रष्टाचार को छिपाने का आरोप लगाया, जिसके बाद सदन में काफी देर तक हंगामा हुआ।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इस मामले में कड़ी जांच की जाएगी और सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि मामले की पूरी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी।