ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार में अल्पसंख्यक समुदायों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में क्रिसमस के मौके पर ईसाई समुदाय के 17-19 घरों को जला दिया गया। घटना बंदरबन के लामा उपजिला की है।
चर्च में प्रार्थना करने गए लोगों के घर जलाए गए
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हमला 25 दिसंबर को शाम के वक्त हुआ। उस समय गाँव के लोग दूसरे गाँव में स्थित चर्च में प्रार्थना करने गए थे। उसी दौरान ग्रामीणों के पीछे में इस कृत्य को अंजाम दिया गया। इस हमले में 17-19 घर पूरी तरह नष्ट हो गए। पीड़ितों में से एक गुंगामणि त्रिपुरा ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, “हमारे घर पूरी तरह जलकर राख हो गए हैं। कुछ भी नहीं बचा।”
जानकारी के मुताबिक, बुधवार को रात करीब 12:30 बजे पड़ोसी गाँव में क्रिसमस की प्रार्थना करने गए ग्रामीणों ने अपने गाँव में आग जलती देखी और फौरन अपने घरों की ओर भागे, लेकिन जब तक वह पहुँचते तब तक सारे घर जलकर खाक हो चुके थे। गाँव के सभी घर बांस और घास-फूस से बने थे, इसलिए घर जल्दी जल गए।
पेले से मिल रही थीं धमकियाँ
ईसाई समुदाय के लोगों ने बताया कि इस घटना में उनका 15 लाख टका (बांग्लादेशी करंसी) से ज्यादा का नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें कुछ समय से धमकियाँ मिल रही थीं और इसीलिए वे चर्च जाते समय गांव में किसी को भी नहीं छोड़ते थे। 25 दिसंबर की रात जब वो लोग गए तो इस घटना को अंजाम दिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत घटनास्थल का दौरा किया। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री के रूप में चावल, दाल, तेल और कंबल उपलब्ध कराए हैं। मगर, पीड़ितों की चिंता ये है कि वो लोग रहेंगे कहाँ।