रायपुर। राज्य भर के पटवारियों ने ऑनलाइन कामकाज ठप कर दिया है और 16 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। नतीजतन, लोगों को नक्शे और खसरा दस्तावेज प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बंटवारे और नामांतरण की प्रक्रियाओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। राजस्व विभाग के अनुसार, लंबित मामलों की संख्या 8,300 से बढ़कर 8,400 से अधिक हो गई है।
सरकारी नियमों के अनुसार, पटवारियों को सौंपे गए सभी काम राजस्व निरीक्षक (आरआई) और तहसीलदार खुद भी कर सकते हैं। लेकिन देखा गया है कि अधिकांश तहसीलदार इस जिम्मेदारी को निभाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। नतीजतन, नागरिकों को इंतजार करना पड़ रहा है। अगर लोक सेवा गारंटी की अंतिम तिथि के अंतिम समय में मामलों का निपटारा करने के बजाय उनके आने पर ही मामलों का निपटारा किया जाए तो निस्संदेह लोगों को राहत मिलेगी।
40 राजस्व न्यायालयों में 8,465 मामले लंबित
जिले में करीब 40 राजस्व न्यायालयों में 8,465 मामले लंबित हैं। इसके अलावा, आय प्रमाण पत्र के लिए 167, निवास प्रमाण पत्र के लिए 508, अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र के लिए 618 और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र के लिए 204 आवेदन लंबित हैं। इस संदर्भ में, यह दावा किया जा रहा है कि शिविरों के दौरान इन मुद्दों का समाधान किया जाएगा।
ऑनलाइन काम नहीं होने से छत्तीसगढ़ प्रदेश पटवारी संघ के बैनर तले पटवारियों की हड़ताल जारी है। इसके चलते खसरा, बी-1, डिजिटल हस्ताक्षर, चावल बिक्री, रकबा सुधार जैसे काम ठप हो गए हैं। लोगों को अपने काम निपटाने के लिए बार-बार पटवारी दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।