चैत्र नवरात्र का पावन पर्व पर अष्टमी तिथि के साथ भक्ति और श्रद्धा के चरम पर पहुंच गया। बिलासपुर के चकरभाठा स्थित सुप्रसिद्ध शक्ति धाम जय माँ अम्बे मंदिर में इस अवसर पर धार्मिक आयोजनों की भव्य श्रृंखला देखने को मिली। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पंजवानी परिवार के तत्वावधान में महागौरी पूजा, हवन, कन्या पूजन और विशाल भोग भंडारे का आयोजन पूरे भक्तिभाव के साथ किया गया। मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया था, जहां सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। आयोजन की अगुवाई कर रहे अध्यक्ष भागचंद पंजवानी ने बताया कि यह मंदिर बीते 25 वर्षों से चैत्र नवरात्रि पर विशेष आयोजन का केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि इस शक्ति धाम में माता के दरबार में श्रद्धा से की गई प्रार्थनाएं कभी खाली नहीं जातीं और भक्तों की मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं।पुजारी पंडित आकाश शर्मा ने मां महागौरी की महिमा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिससे उनका शरीर काला हो गया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें गौरवर्ण प्रदान किया और तभी से वे महागौरी नाम से पूजी जाती हैं। अष्टमी पर महागौरी की पूजा करने से सुख, सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।इन्हीं मान्यताओं के आधार पर मंदिर परिसर में विशेष हवन और अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। इसके पश्चात पारंपरिक कन्या पूजन में 2 से 10 वर्ष की कन्याओं का विधिवत पूजन कर उन्हें दान-दक्षिणा दी गई और भोग प्रसाद भी खिलाया गया। मंदिर परिसर भक्तों की उपस्थिति और माता के जयकारों से गुंजायमान रहा, जहां भक्तों की आस्था देखते ही बन रही थी। न्यायधानी बिलासपुर में अष्टमी पर देवी मंदिरों और पंडालों में भक्तिभाव चरम पर रहा।शक्ति धाम सहित विभिन्न स्थलों पर हवन-पूजन के साथ-साथ भोग वितरण का आयोजन हुआ। चकरभाठा के इस ऐतिहासिक मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था और आयोजन की भव्यता ने चैत्र नवरात्रि को एक अलौकिक अनुभूति में बदल दिया।जिससे हर भक्त मंत्रमुग्ध नजर आये।




