अब्दुल सलाम कादरी-प्रधान सम्पादक
नई दिल्ली: सरकार ने शनिवार (10 मई) को कहा कि बीते तीन दिनों में पाकिस्तान की गतिविधियों को भारत ‘उकसावे और टकराव को बढ़ाने’ के रूप में देख रहा है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने इस बारे में मीडिया को जानकारी दी.
ब्रीफिंग में बताया गया कि पाकिस्तान ने भारत के 26 स्थानों पर हमले किए हैं और पाकिस्तानी सेना अग्रिम मोर्चों की ओर अपने सैनिकों की तैनाती कर रही है. यह ब्रीफिंग उस समय आई जब भारत ने जवाबी कार्रवाई में हमले किए. इससे पहले, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब में ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे.
26 से अधिक स्थानों पर हवाई घुसपैठ के प्रयास
प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल कुरैशी ने बताया, ‘पाकिस्तान सेना ने पूरे पश्चिमी मोर्चे पर लगातार आक्रामक गतिविधियां जारी रखी हैं. पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य ढांचों को निशाना बनाया. नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भी ड्रोन घुसपैठ और भारी कैलिबर हथियारों से गोलाबारी की. अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर, श्रीनगर से नलिया तक 26 से अधिक स्थानों पर हवाई घुसपैठ के प्रयास किए गए. भारतीय सशस्त्र बलों ने अधिकांश खतरों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया. फिर वायु सेना स्टेशनों, जैसे उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर, भुज और भटिंडा पर उपकरणों हानि पहुंचाई.’
स्कूल और अस्पताल को भी निशाना बना रहा है पाकिस्तान
मीडिया को जानकारी दी गई कि पाकिस्तान ने स्कूल और अस्पताल को भी निशाना बनाया है. कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, ‘मैं यह भी बताना चाहती हूं कि पाकिस्तान ने हाई स्पीड मिसाइल सुबह 1:40 पर इस्तेमाल कर पंजाब के एयरबेस स्टेशन को दागने की कोशिश की. एक निंदनीय और गैर-पेशेवर कार्रवाई के तहत श्रीनगर, अवंतीपुर और उधमपुर के वायुसेना अड्डे पर चिकित्सा केंद्र और स्कूल परिसर को निशाना बनाया.’
भारत दे रहा है हमलों का जवाब
कर्नल सोफिया कुरैशी बताती हैं, ‘पाकिस्तान द्वारा सैन्य ठिकानों को जानबूझकर निशाना बनाए जाने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने त्वरित और सुनियोजित हमले किए. भारत ने पाकिस्तान के टेक्निकल इंस्टॉलेशन, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, रडार साइट्स और हथियार भंडार को चुन चुनकर निशाना बनाया गया. भारत ने पाक के सैन्य ठिकानों पर एयर लॉन्च, सटीक हथियारों, और लड़ाकू विमानों से प्रहार किए गए.’
इन हमलों के दौरान भारत ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि आम लोगों को कोई क्षति न हो. मीडिया को जानकारी दी गई, ‘इन कार्रवाइयों के दौरान भारत ने कम से कम कोलैटरल डैमेज की क्षति सुनिश्चित की. चिंता का विषय यह रहा कि पाकिस्तान ने लाहौर से उड़ान वाले नागरिक विमानों की आड़ लेकर अंतरराष्ट्रीय मार्गों का दुरुपयोग किया ताकि वे अपनी गतिविधियों को छिपा सके.’
झूठ फैला रहा है पाक- भारतीय सेना
दोनों देशों के तनाव के बीच पाकिस्तान की तरफ से लगातार ग़लत जानकारी भी फैलाई जा रही है. कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया, ‘पाकिस्तान ने मिस इन्फॉर्मेशन का सहारा लेते हुए आदमपुर स्थित एस-40 0 प्रणाली सूरतगढ़ और सिरसा के हवाई अड्डो, नगरोटा के ब्रह्मोस बेस तथा चंडीगढ़ के गोला-बारूद डिपो को नष्ट करने के झूठे दावे सोशल मीडिया पर फैलाए. भारत इन फॉल्स नैरेटिव को पूर्णतः खारिज करता है.’
ब्रीफिंग के दौरान इन जगहों के शनिवार सुबह लिए हुए फोटो भी दिखाए गए.
सीमा पर सैनिक बढ़ा रहा है पाकिस्तान
मीडिया ब्रीफ्रिंग के दौरान बताया गया कि ‘पाकिस्तान सेना के अग्रिम क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती बढ़ती दिख रही है, जो स्थिति को और भड़काने की मंशा दर्शाती है. भारतीय सशस्त्र बल पूर्ण परिचालन तत्परता की स्थिति में है. अभी तक सभी शत्रु पूर्ण कार्रवाइयों का प्रभावी तरीके से सामने कर उपयुक्त जवाब दिया गया है. भारतीय सशस्त्र बल दोहराते हैं कि वह तनाव वृद्धि नहीं चाहते, बशर्ते पाकिस्तान भी ऐसा ही व्यवहार करे.’
पाकिस्तानी ड्रोन हमलों में तुर्की की भूमिका
गुरुवार (8 मई) रात पाकिस्तान की ओर से भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं को भेदने की कोशिश के बाद मिले ड्रोन के मलबे की शुरुआती जांच से पता चला है कि पाकिस्तान ने तुर्की में बने ‘सोंगर’ (Songar) हथियारबंद ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल किया है. यह जानकारी शुक्रवार को भारत सरकार ने दी.
पत्रकारों को जानकारी देते हुए विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) पर सियाचिन से सैर क्रीक तक 36 जगहों पर लगभग 300-400 ड्रोन भेजने की कोशिश की गई. ड्रोन के मलबे की फॉरेंसिक जांच की जा रही है. शुरुआती रिपोर्टों से पता चला है कि ये ड्रोन तुर्की की कंपनी एसीसगार्ड (Asisguard) द्वारा बनाए गए ‘सोंगर’ मॉडल के हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि ‘सोंगर’ एक हथियारबंद ड्रोन सिस्टम है, जिसे तुर्की की कंपनी एसीस इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम्स ने कम तीव्रता वाले संघर्षों में सेना की मदद के लिए डिज़ाइन और तैयार किया है.
यह तुर्की की सशस्त्र सेना (TAF) द्वारा उपयोग किया जाने वाला पहला स्वदेशी ड्रोन है, जो मशीन गन से लैस है. भारत का इन ड्रोन को तुर्की का बताना इसलिए अहम है, क्योंकि पाकिस्तान आमतौर पर चीन के बनाए रक्षा उपकरणों का उपयोग करता माना जाता है. पाकिस्तान के पास तुर्की के ड्रोन होना, यह संकेत देता है कि पाकिस्तान और तुर्की के बीच गहरे और मजबूत रक्षा संबंध हैं.
दरअसल, 7 मई को तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ से फोन पर बात कर भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले के बाद सॉलिडेरिटी जताई थी.
इस फोन कॉल में एर्दोआन ने शरीफ से कहा कि मौजूदा संकट में पाकिस्तान की ‘शांत और संयमित नीति’ का वह समर्थन करते हैं. यह जानकारी तुर्की सरकार के एक बयान में दी गई.
एर्दोआन ने यह भी कहा कि उन्हें पाकिस्तान की वह मांग ‘उचित’ लगती है, जिसमें उसने पहलगाम आतंकी हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की थी. भारत ने इस मांग को खारिज कर दिया है.
गौरतलब है कि जब 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमला हुआ था, तब शरीफ तुर्की में ही थे. उन्होंने उस समय एर्दोआन से मुलाकात की और दोनों ने रक्षा सहयोग पर चर्चा की थी.
पिछले कुछ वर्षों में तुर्की और पाकिस्तान के बीच रक्षा साझेदारी संस्थागत रूप से मजबूत हुई है. दोनों देशों के बीच कई संयुक्त सैन्य अभ्यास और तकनीकी हस्तांतरण वाले बड़े रक्षा सौदों ने पाकिस्तान की सैन्य क्षमताएं बढ़ाई हैं.