बिलासपुर। जैजेपुर विधानसभा चुनाव में जीते हुए प्रत्याशी बालेश्वर साहू पर अपने अपराधिक रिकॉर्ड को छुपाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर हुई है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
बता दें कि, जैजेपुर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बालेश्वर साहू की करीब 26 हजार वोटों से जीत हासिल हुई थी। उनकी सीधी टक्कर बीजेपी के कृष्णकांत चंद्रा से थी। लेकिन इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, अब इसी चुनाव को लेकर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में दो याचिका दायर हो गई है।
सरोज कुमार चंद्रा और दिगंबर साहू की तरफ से पेश इन चुनाव याचिका में जीते हुए प्रत्याशी बालेश्वर साहू की विधायकी समाप्त करने की मांग उठाई गई है। उनपर निर्वाचन फॉर्म में अपने अपराधिक रिकॉर्ड को न दर्शाने का आरोप लगा है। बालेश्वर साहू ने 2023 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था। वे इससे पहले सक्ती जिले के युवा कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। पूरे मामले पर जस्टिस एन के चंद्रवंशी की एकल पीठ में सुनवाई हुई।
EVM मशीन और VVPAT के इस्तेमाल पर कोर्ट ने दी मंजूरी
वहीं चुनाव आयोग की और से मौजूद वकील राकेश झा के आवेदन पर कोर्ट ने पाटन चुनाव के बाद सील किए गए EVM मशीन और VVPAT को भी आजाद करने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा की लोकसभा चुनावों में चुनाव आयोग इन्हें इस्तेमाल कर सकता है।
बता दें कि, नियम के अनुसार अगर चुनावी नतीजों को लेकर आपत्ति जताते हुए कोई प्रत्याशी कोर्ट में चुनाव याचिका दायर करता है तब उस चुनाव में इस्तेमाल हुई इन मशीनों को कोर्ट का मामले में अंतिम फैसला आने तक सील कर दिया जाता है। चुनाव आयोग की और से वकील राकेश झा ने कोर्ट में कहा की, आगामी लोकसभा चुनावों में इनकी आवश्यकता है,ऐसे में इनके इस्तेमाल को लेकर अदालत अपनी स्वीकृति प्रदान करें। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।