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September 20, 2024
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CGPSC फर्जीवाड़ा : हाईकोर्ट ने निराकृत की याचिका, कहा- मांग के अनुसार दर्ज हो चुकी FIR

बिलासपुर। CGPSC में फर्जीवाड़े को लेकर पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की जनहित याचिका हाईकोर्ट ने निराकृत कर दी है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कहा कि, याचिका में उठाई गयी मांग के अनुसार आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है, इसलिए अब इस याचिका पर सुनवाई की जरुरत नहीं दिखती है।

बता दें कि, मामले में पूर्व गृहमंत्री की ओर से याचिका दायर होने के बाद PSC के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव, राज‍भवन के सचिव अमृत खलखो, परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य अफसरों और नेताओं पर ईओडब्ल्यू ने FIR दर्ज कर ली है। इसके अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ भी जांच जारी हैै।

वहीं सीबीआई जांच पर कोर्ट ने कहा कि इस पर शासन को फैसला लेना है। डिवीजन बेंच ने यह भी कहा कि शासन की जांच के बाद अगर कोई पक्ष असंतुष्ट हो तो दोबारा हाईकोर्ट में अपील कर सकता है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग वर्ष 2021-22 भर्ती में हुई गड़बड़ी काे लेकर पूर्व गृहमंत्री व रामपुर के विधायक ननकी राम कंवर ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर की थी।

पूर्व चेयरमैन के करीबियों का चयन

दायर याचिका में पीएससी द्वारा भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए 18 चयनित उम्मीदवारों की सूची भी कोर्ट के समक्ष पेश की गई थी। जिसमें पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के आधा दर्जन के करीबी रिश्तेदार डिप्टी कलेक्टर सहित अन्य पदों पर चयनित हुए हैं। इसके अलावा राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो के बेटी व बेटे, मुंगेली के तत्कालीन कलेक्टर पीएस एल्मा के बेटे, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के बेटे, बस्तर नक्सल आपरेशन डीआइजी की बेटी सहित ऐसे 18 लोगों की सूची पेश करते हुए आरोप लगाया है कि यह सभी नियुक्तियां प्रभाव के चलते पिछले दरवाजे से कर दी गई है।

नियुक्तियों पर हाई कोर्ट की रोक

13 नियुक्तियों पर लगाई गई है रोक सुनवाई के दौरान चयनित उम्मीदवारों ने अपने अधिवक्ता के जरिए हस्तक्षेप याचिका भी पेश की थी।  हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों की सूची कोर्ट में पेश की गयी उनमे से पांच प्रतियोगियों की नियुक्ति हो चुकी है, ऐसे में नियुक्ति रोकना सही नहीं होगा। इस पर कोर्ट उनकी नियुक्ति को इस याचिका के अंतिम फैसले से बाधित रखा है। साथ ही शेष उम्मीदवारों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है।

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