रायपुर। अंतागढ़ टेपकांड में क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में मंजूर होने के बाद एसआईटी का केस खत्म हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार आरोपित बनाए गए लोगों की वाइस सैंपल एक सामान नहीं मिलें। वहीं टेप कांड मामले में फारेंसिक जांच में भी कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। लेकिन अब इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद सियासत गर्म हो गई है।
बता दें कि, क्लोजर रिपोर्ट के बाद अब मंतूराम पवार ने कहा कि वे अब इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और किरणमयी नायक सहित अन्य नेताओं पर मानहानि का दावा करेंगे। उन्होंने कहा, मुझ पर करोड़ों रुपए लेकर चुनाव मैदान से हटने का आरोप लगाया गया था। आरोप के कारण सामाजिक स्तर पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा, मामले में भाजपा शीर्ष नेतृत्व से भी बात करूंगा, भाजपा ने इसे इश्यू बनाया था।
पवार ने कहा कि, अंतागढ़ उपचुनाव में मैंने कांग्रेस से टिकट की मांग नहीं की थी, फिर भी मुझे टिकट दिया गया। तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और राजेश तिवारी को भी मैंने मना किया था। कांग्रेस में गुटबाजी के कारण 3 चुनाव हार चुका हूं। मुझे जबरदस्ती टिकट दिया गया था। मैंने उन सभी लोगों को बताकर नामांकन वापस लिया था। उन्होंने क्लीन चिट मिलने पर कहा कि इसने पिछले 10 साल से मुझ पर लगे आरोप को गलत साबित किया है। अब यह राजनीति की दिशा तय करेगी। राजनीतिक क्षति को पूरा करने का प्रयास अब आगे करूंगा। उन्होंने कहा, आरापे लगाने वालों को इससे करारा जवाब मिला है। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले अब साबित करें। उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार आने पर मामले में किरणमयी नायक ने पंडरी थाने में मेरे खिलाफ एफआईआर कराई थी
गीदड़ भभकी से डरने वाले नहीं : किरणमयी
महिला आयोग की अध्यक्ष और कांग्रेस नेता किरणमयी नायक ने मामले में कहा कि अभी तक वे इस प्रकरण में क्या कर रहे थे। अब जब हाईकोर्ट से क्लीन चिट मिली है, तो वे गीदड़ भभकी दे रहे हैं, हम उससे डरने वाले नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद उन्हें प्रकरण में क्लीन चिट मिली है। उन्होंने कहा, ऐसे में कोर्ट से बरी होने वाला हर अभियुक्त पुलिस के खिलाफ मानहानि का दावा करेगा।
रिपोर्ट में यह बातें कही गई
टेपकांड मामले की जांच के लिए मंतूराम के साथ ही फिरोज सिद्दीकी और अमीन मेमन का वाइस सैंपल लिया गया था। टेप वायरल होने के चार साल पुलिस ने मामले की जांच करते हुए टेप को फारेंसिक जांच के लिए लैब भेजा। लैब में बताया गया कि जो टेप जब्त किया गया है वह मूल डिवाइस नहीं है। इससे टेप में आडियो किसकी है, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती। इस वजह से पुलिस ने पूरे मामले की खात्मा रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में पेश किया।
पुलिस बोली, न साक्ष्य और न गवाह, इसलिए क्लोजर रिपोर्ट
राज्य की राजनीति में भूचाल ला देने वाले अंतागढ़ टेप मामले में पुलिस ने कोर्ट में मई में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी है। क्लोजर रिपोर्ट पेश करने की जो वजह निकलकर सामने आई है, उसके मुताबिक आरोपी बनाए गए लोगों का वॉइस सैंपल मेल नहीं खाना बताया गया है। इसके अलावा टेपकांड मामले में फोरेंसिक साक्ष्य नहीं मिलने की वजह से पुलिस ने तीन माह पूर्व मई में कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने के पूर्व में अप्रैल में ही क्लोजर रिपोर्ट का खाका तैयार कर लिया था।
क्या है अंतागढ़ टेपकांड
वर्ष 2014 में अंतागढ़ विधानसभा उप-चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस प्रत्याशी ने मंतूराम पवार ने नाम वापस ले लिया था। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ने उप-चुनाव आसानी से जीत लिया था। चुनाव के एक वर्ष बाद एक आडियो टेप प्रसारित हुआ। टेप में प्रत्याशी के नाम वापसी के पीछे खरीद-बिक्री होना बताया गया। उस समय बीजेपी की सरकार होने से मामला शांत हो गया।
लेकिन वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में अंतागढ़ टेपकांड को कांग्रेस ने बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया। सत्ता में आने के कांग्रेस की ओर से पंडरी थाने में तीन फरवरी 2019 को मंतूराम पवार, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी उनके बेटे अमित जोगी, राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेश मूणत, डा. पुनित गुप्ता के खिलाफ पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच की। तत्कालीन राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस ने एसआइटी का गठन भी किया था। कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने के पूर्व में अप्रैल में ही क्लोजर रिपोर्ट का खाका तैयार कर लिया था। इसके साथ ही सियासत भी गरमा रही है।