PR Sreejesh on Vinesh Phogat: भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट चर्चा में हैं. उन्हें मेडल मिलेगा या नहीं, इस पर अब खेल कोर्ट यानी कोर्ट ऑफ आर्बिटरेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) 16 अगस्त को अपना फैसला सुनाएगा. विनेश ने पेरिस ओलिंपिक में 50 kg वेट कैटेगरी में कुश्ती लड़ी थी थी. वो 1 दिन में जापान की ओलिंपिक चैंपियन समेत 3 पहलवानों को पटखनी देकर फाइनल में पहुंची थीं, लेकिन गोल्ड मेडल मैच से ठीक पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा निकल गया. इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दी गईं. जिसके बाद उन्होंने ज्वाइंट मेडल की अपील की है. अब इस पूरे मामले में हॉकी टीम के दिग्गज पीआर श्रीजेश ने बड़ा बयान दिया है.
पीआर श्रीजेश ने इस बार अपनी टीम के लिए दमदार प्रदर्शन किया और हॉकी में ब्रॉन्ज दिलाया. यह उनके करियर का आखिरी ओलंपिक रहा, क्योंकि मेडल जीतने के बाद उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया. भारत लौटने के बाद उन्होंने विनेश फोगाट को एक योद्धा करार दिया और कहा कि वो मेडल की हकदार हैं. हालांकि उन्होंने इस बार पर भी जोर दिया कि नियमों का ध्यान रखना भी जरूरी है.
देश के सबसे सफल हॉकी गोलकीपरों में से एक पीआर श्रीजेश ने कहा ‘विनेश सिल्वर मेडल की हकदार हैं, क्योंकि फाइनल में पहुंचकर उन्होंने एक मेडल पक्का कर लिया था. सिल्वर या फिर गोल्ड उन्हें मिलता ही. अंतिम समय में कहना कि आप फाइनल में खेलने के लिए अयोग्य हो. अगर मैं उनकी जगह होता तो पता नहीं क्या करता.
विनेश एक फाइट हैं
पीआर श्रीजेश ने विनेश को फाइटर बताते हुए कहा वह ‘फाइटर’ है. ब्रॉन्ज मेडल मैच से पहले वह मिली थीं. उन्होंने कहा, ‘भाई गुड लक, आप तो दीवार हो’ अच्छे से खेलो. मुझे लगा कि वह मुस्कुराते हुए अपना दर्द छुपा रही थीं. वह सचमुच ‘फाइटर’ है. उसने पिछले एक साल में जो झेला है. उसके बाद ट्रेनिंग करते हुए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया और फिर जीतते हुए फाइनल तक पहुंची.
उससे पदक छीन लिया गया
पीटीआई से बातचीत में पीआर श्रीजेश ने कहा ‘दो दृष्टिकोण हैं, एक तो यह कि एथलीट होने के नाते वह पदक की हकदार थी, फाइनल में पहुंचने पर उन्होंने उससे पदक छीन लिया, रजत पदक तो निश्चित ही. वह मजबूत थी. दूसरी बात ये है कि आपके पास ओलंपिक नियम हैं और भारतीय एथलीट जानते हैं कि वहां क्या हो रहा है और उन्हें इसके लिए तैयार रहना चाहिए. उन्हें महासंघ, आयोजन समिति, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (ओसी) को कोई मौका नहीं देना चाहिए.’
यह सभी एथलीटों के लिए सबक
पीआर श्रीजेश ने कहा ‘यह सभी के लिए एक सबक होना चाहिए. जब आप इसके लिए तैयार हों तो आपको नियमों और विनियमों के प्रति सख्त होना चाहिए. उन्होंने अमित रोहिदास का उदाहरण दिया, जिन पर ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल के दौरान स्टिक उठाने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था, जहां भारत ने 42 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेला था.
मुझे वाकई बुरा लग रहा है
पीआर श्रीजेश ने कहा, “मैं उम्मीद लगाए बैठा हूं. एक एथलीट होने के नाते मैं बस उसके लिए शुभकामनाएं देता हूं, जिस तरह से उसने कड़ी मेहनत की, हम जानते हैं कि पिछले एक साल में उसने क्या-क्या झेला है और वहां से वह वापसी कर रही है, ओलंपिक फाइनल के लिए क्वालीफाई कर रही है, यही सभी के लिए जवाब है. मुझे उसके लिए वाकई बुरा लग रहा है, यह एक कठिन स्थिति है.’