December 14, 2025 10:57 am

ईरान में मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी की फिर गिरफ्तारी, शोक सभा में जाने पर खामेनेई शासन हुआ चिढ़

तेहरान 
ईरान में मानवाधिकारों को लेकर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता गहराती दिख रही है. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को शुक्रवार को ईरानी सुरक्षा बलों ने कथित तौर पर हिंसक तरीके से हिरासत में ले लिया. यह घटना उस समय हुई, जब वह दिवंगत मानवाधिकार वकील खोसरो अलीकोर्दी की स्मृति सभा में शामिल होने के लिए मशहद पहुंची थीं.

53 वर्षीय नरगिस मोहम्मदी हाल ही में मेडिकल ग्राउंड पर जेल से बाहर थीं और माना जा रहा था कि उन्हें दोबारा जेल नहीं भेजा जाएगा. उनकी फाउंडेशन के अनुसार, स्मृति सभा के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों ने उन्हें जबरन पकड़ लिया. इस दौरान कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मोहम्मदी बिना हिजाब के भीड़ को संबोधित करती और नारे लगवाती दिखीं, जिसके बाद मौके पर भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए.

मशहद के गवर्नर हसन होसैनी ने पुष्टि की कि कुछ लोगों को “निवारक कार्रवाई” के तहत हिरासत में लिया गया, हालांकि उन्होंने बल प्रयोग के आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की. मानवाधिकार संगठन ‘सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स इन ईरान’ के प्रमुख हादी घाएमी ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया.

मानवाधिकार संगठन कर सकते हैं विरोध

यह गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है जब ईरान आर्थिक दबाव, प्रतिबंधों और संभावित क्षेत्रीय संघर्ष की आशंकाओं के बीच अपने भीतर असहमति की आवाजों पर सख्ती बढ़ा रहा है. मोहम्मदी की हिरासत से पश्चिमी देशों और मानवाधिकार संगठनों की नाराजगी और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, खासकर तब जब ईरान अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता बहाल करने के संकेत दे रहा है.

गौरतलब है कि नरगिस मोहम्मदी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं. उन्हें पहले दिल का दौरा पड़ चुका है और हाल ही में बड़ी सर्जरी भी हुई थी. डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी कि जेल वापसी उनके जीवन के लिए खतरा बन सकती है. इसके बावजूद, उन्होंने जेल से बाहर रहते हुए भी विरोध प्रदर्शनों और मानवाधिकार अभियानों में सक्रिय भागीदारी जारी रखी.

स्मृति सभा में शामिल होने की वजह से पहले भी हुईं अरेस्ट

पिछले तीन दशकों में नरगिस मोहम्मदी कई बार जेल जा चुकी हैं और उन पर राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोप लगाए गए हैं. दिलचस्प बात यह है कि उनकी पिछली गिरफ्तारी भी एक स्मृति सभा में शामिल होने के बाद हुई थी, जिससे यह संकेत मिलता है कि ईरान में शांतिपूर्ण श्रद्धांजलि तक अब सत्ता को चुनौती के रूप में देखी जा रही है.

BBC LIVE
Author: BBC LIVE

विज्ञापन