रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ शाहिद अली को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के डबल बेंच के उस निर्णय पर रोक लगा दी है जिसके आधार पर कुलपति बलदेव भाई शर्मा ने डॉ शाहिद अली को दोबारा से बर्खास्त कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद डॉ शाहिद अली की सेवाएं विश्वविद्यालय में अब बरकरार हो गई है।
उल्लेखनीय है कि कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में प्रोफेसर डॉ शाहिद अली को कथित राजनैतिक आरोपों में विगत 13 जुलाई 2023 को बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद डॉ अली ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी थी। माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की सिंगल बैंच ने विश्वविद्यालय के बर्खास्तगी आदेश को विगत 30 जनवरी 2024 को निरस्त कर दिया था। इस फैसले के विरुद्ध पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति ने कार्य परिषद की अवहेलना करते हुए हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील की। हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए आदेश दिनांक 14/02/2024 में प्रोफेसर डॉ शाहिद अली के बहाली करते समय सेवा संबंधी परिणामी लाभों के भुगतान के विषय में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अंतर्गत सुनवाई करने कहा था। लेकिन कुलपति ने डबल बेंच के आदेश में भी मनमानी करते हुए कथित राजनैतिक आरोपों की आड़ में डॉ शाहिद अली को मनमाने ढंग से बर्खास्त कर दिया। देश में शायद यह पहला मामला होगा कि किसी व्यक्ति को दो-दो बार बर्खास्तगी आदेश दिया गया हो। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद डॉ शाहिद अली की सेवा में बहाली से छात्रों और अकादमिक जगत को बड़ा लाभ होगा।