अब्दुल सलाम क़ादरी
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) ने अब तक की अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में पार्टी ने 37 सीटें जीती हैं, इतनी ज्यादा सीटें उसे मुलायम सिंह के दौर में भी कभी नहीं मिलीं।
इस भारी जीत के बाद अखिलेश यादव गदगद हैं और इस जीत के लिए उन्होंने प्रदेश की जनता का आभार जताया है। X पर अपने पोस्ट में अखिलेश ने बताया है कि यह जीत किसकी है। साथ ही उन्होंने कहा है कि जनता ने सपा में जो विश्वास प्रकट किया है, उस भरोसे को वह पूरे दायित्व के साथ निभाएंगे। सपा अध्यक्ष ने कहा कि यह INDIA की टीम और PDA की रणनीति की जीत है।
सपा ने यूपी में 63 सीटों पर लड़ा चुनाव
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सर्वाधिक 80 सीटें हैं। सपा इंडी गठबंधन का हिस्सा है। राज्य में उसने 63 सीटों पर चुनाव लड़ा। अपने हिस्से की एक सीट उसने तृणमूल कांग्रेस को भी दी थी। राज्य में गठबंधन के तहत उसने 17 सीटें कांग्रेस को दी थीं। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में सपा सूबे में केवल पांच सीट जीत पाई लेकिन इस चुनाव में उसकी पीडीए की रणनीति काम कर गई और उसने 37 सीटों पर जीत दर्ज की। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मात्र एक सीट रायबरेली जीत पाई थी।
‘उप्र में इंडिया गठबंधन की ‘जन-प्रिय जीत’
X पर अपने पोस्ट में अखिलेश ने कहा, ‘उप्र में इंडिया गठबंधन की ‘जन-प्रिय जीत’ : उस दलित-बहुजन भरोसे की भी जीत है जिसने अपने पिछड़े, अल्पसंख्यक, आदिवासी, आधी आबादी और अगड़ों में पिछड़े सभी उपेक्षित, शोषित, उत्पीड़ित समाज के साथ मिलकर उस संविधान को बचाने के लिए कंधे-से-कंधा मिलाकर संघर्ष किया है जो समता-समानता, सम्मान-स्वाभिमान, गरिमामय जीवन व आरक्षण का अधिकार देता है।’
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भरोसे को पूरे दायित्व के साथ कायम रखेंगे-अखिलेश
सपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि ‘आपने हममें जो विश्वास प्रकट किया है, हम उस भरोसे को पूरे दायित्व के साथ कायम रखेंगे और निभाएंगे भी, इसके लिए हार्दिक धन्यवाद-दिल से शुक्रिया और आनेवाले नये सकारात्मक समय के लिए अनंत शुभकामनाएं! प्रिय मतदाताओं आपने साबित कर दिया है कि जनता की शक्ति से बड़ा न किसी का बल होता है, न किसी का छल। इस बार जनता ही जीती है, शासक नहीं। जनता जीतती रहे…जनता ज़िंदाबाद!’
प्रिय ‘उप्र के समझदार मतदाताओं’
उप्र में इंडिया गठबंधन की ‘जन-प्रिय जीत’ :
– उस दलित-बहुजन भरोसे की भी जीत है जिसने अपने पिछड़े, अल्पसंख्यक, आदिवासी, आधी आबादी और अगड़ों में पिछड़े सभी उपेक्षित, शोषित, उत्पीड़ित समाज के साथ मिलकर उस संविधान को बचाने के लिए कंधे-से-कंधा मिलाकर… pic.twitter.com/mTmiFAj0K1
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 5, 2024