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November 22, 2024
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अंतरिक्ष में Boeing स्पेसक्राफ्ट में लग सकती आग ! खतरे में सुनीता विलियम्स की जान, सुरक्षित वापसी की मांगी जा रही दुआएं

इंटरनेशनल न्यूज़। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 5 जून को ‘स्टारलाइनर’ स्पेसक्राफ्ट के जरिए स्पेस मिशन के लिए रवाना हुई थीं। उनके साथ एक और अंतरिक्ष यात्री बुश विलमोर भी थे, जो मिशन कमांडर हैं। दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर करीब 8 दिन का वक्त बिताकर वापस लौटना था लेकिन अब तक दोनों की वापसी नहीं हो सकी है। वजह है अंतिरक्ष में भी Boeing स्पेसक्राफ्ट ने धोखा दे दिया है। इस कारण सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी को लेकर दुआएं मांगी जा रही हैं। सुनीता विलियम्स जिस स्पेसक्राफ्ट के जरिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) तक पहुंचीं, उसे अमेरिकी एयरक्राफ्ट कंपनी बोइंग ने डेवलप किया है जिसको ‘स्टारलाइनर’ नाम दिया है।

कंपनी इसको ‘स्पेस कैप्सूल’ भी कहती है। बोइंग ने अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) के कॉमर्शियल स्पेस प्रोग्राम के लिए इस स्पेसक्राफ्ट को डेवलप किया। एक तरीके से ‘स्टारलाइनर’ नासा और बोइंग के ज्वाइंट कोऑपरेशन में डेवलप हुआ है।5 जून को स्टारलाइनर का पहला मानव युक्त ट्रायल किया गया और सुनीता विलियम्स बुश विलमोर के साथ इस स्पेसक्राफ्ट से ISS के लिए रवाना हुईं।हालांकि जब स्टारलाइनर को लॉन्च किया जा रहा था, तभी इसमें से हिलियम गैस लीक हो रही थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक बोइंग के इंजीनियर्स को लॉन्चिंग के दौरान गैस लीक के बारे में पता था, पर तब उन्हें नहीं लगा कि यह कोई बड़ी समस्या है पर यात्रा के दौरान स्पेसक्राफ्ट में 4 और जगह से हिलियम गैस का रिसाव होने लगा।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में डॉक करते वक्त इसके थ्रस्टर भी फेल हो गए हालांकि अब नासा और बोइंग का कहना है कि पांच में से चार थ्रस्टर ठीक कर लिए गए हैं। नासा के मुताबिक ऐसा बिलकुल नहीं है कि ‘स्टारलाइनर’ का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इमरजेंसी के केस में विलियम्स और उनके साथी एस्ट्रोनॉट इस स्पेसक्राफ्ट से धरती तक लौट सकते हैं। पर फिलहाल एजेंसी पूरी समस्या की तह तक पता लगा रही है कि आखिर इन फ्लाइट में गैस क्यों और कैसे लीक हुई और थ्रस्टर क्यों फेल हुए। इसी वजह से एस्ट्रोनॉट्स की वापसी टाल दी गई है।

हालांकि एक्सपर्ट्स की राय नासा के बिल्कुल विपरीत है।उनके मुताबिक स्टारलाइनर में हिलियम गैस का रिसाव गंभीर समस्या की तरफ इशारा करता है। अगर गैस रिसाव का पता नहीं लगाया गया और इसे ठीक नहीं किया गया तो रिटर्न फ्लाइट में आग लगने की संभावना है। इस केस में सुनीता विलियम्स और विल्मोर की जान भी जा सकती है। एक्सपर्ट्स नासा को भी सवालों के घेरे में खड़े कर रहे हैं कि आखिर जब एजेंसी को लॉन्चिंग के वक्त हिलियम गैस के रिसाव का पता लग गया था तो इतना बड़ा रिस्क क्यों लिया और इस तथ्य को छिपाया क्यों गया?

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