रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में उत्तरप्रदेश की मेरठ स्पेशल कोर्ट ने अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी व अन्य को सशर्त रिहा करने के आदेश दिए हैं। साथ ही नकली होलोग्राम मामले में दर्ज FIR पर रोक लगा दी है। हालांकि ईडी और ईसीबी में दर्ज केस की वजह से दोनों की रिहाई नहीं हुई है।
मामले में मेरठ स्पेशल कोर्ट ने के न्यायाधीश पवन शुक्ला ने अपने आदेश में कहा है कि, “सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिप्रेक्ष्य में सभी आरोपियों को रिहा किया जाता है। लेकिन यह ज़मानत आदेश के समतुल्य नहीं है। स्पष्ट शब्दों में कोर्ट का आदेश है कि शराब घोटाला मामले में मेरठ कोर्ट ने कासना थाने में दर्ज एफ़आइआर पर गिरफ़्तार सभी आरोपियों को रिहा किए जाने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने रिहाई का आदेश देते हुए कुछ शर्तें भी बताई है। जिसमें कहा गया है कि, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आवेदक की याचिका पर कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। ऐसी स्थिति में अभियुक्त को न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध रखना न्यायोचित नहीं है। तदानुसार प्रार्थनायव माननीय साँब न्यायालय के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत किये जाने योग्य है। माननीय सर्वो न्यायालय का भविष्य में जो भी आदेश होगा, उसका अनुपालन सुनिक्षित किया जाएगा। आवेदक/ अभियुक्त द्वारा 5 करोड का निजी बंधपत्र प्रस्तुत करना होगा। तदानुसार प्रार्थना पत्र माननीय सर्वोच्च न्यायालय के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृति किये जाने योग्य है।”
मेरठ स्पेशल कोर्ट के आदेश के बाद विधु गुप्ता, अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और अरुण पति त्रिपाठी को सीधे तौर पर बड़ी राहत मिल गई है। हालांकि ढेबर, टुटेजा और अरुणपति को ईडी ने गिरफ़्तार किया है, इसलिए वे ज़मानत मिलने तक रिहा नहीं होंगे।