रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार अब राज्य में सरकारी राशन दुकानों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। प्रदेश की 15000 सरकारी दुकानों में अब संचालकों के सामने उन्हें तौलकर कर खाद्यान्न दिया जाएगा। इसके लिए सिविल सप्लाई लाइन कॉरपोरेशन ने आदेश भी जारी कर दिया है।
नए नियम के मुताबिक जिस ट्रैक में खाद्यान्न भेजा जाएगा, उनमें तौल मशीन रखना अनिवार्य कर दिया गया है। अब नमक चावल या अन्य खाद्यान्न तौल कर ही राशन गोदाम में रखा जाएगा।
बता दे कि मंगलवार को ही प्रदेश के सभी राशन दुकान संचालकों ने तूता में धरना प्रदर्शन कर दुकान बंद रखी थी। इसके बाद प्रशासन ने उनकी एक मांग को मानकर यह आदेश जारी किया है। बता दे की कोरोना के दौरान दुकानदारों से कुछ माह का डीडी राशि लेकर फ्री राशन बंटवाया गया, वह राशि भी अभी तक वापस नहीं की गई थी।
बोरियों में आ रहा था कम चावल
राशन दुकान संचालकों ने बताया कि, नान के गोदाम से जो चावल की बोरियां आ रही थी, उनमें हर बोरी में 1 से 2 किलो चावल कम था। जिस दुकान की स्टॉक और ऑनलाइन स्टॉक में अंतर दिख रहा था। इस दुकान संचालकों को इसका घाटा सहना पड़ता है, उन्हें अपनी जेब से कम चावल के पैसे का भुगतान करना पड़ता है। इसके संबंध में पहले भी शिकायत की जा चुकी थी। लेकिन अब इस नए आदेश के बाद दुकान संचालकों ने राहत की सांस ली है।
राशन दुकान संचालक कल्याण संघ के नरेश बाफना ने बताया कि, एक मांग पूरी हुई। शासन स्तर पर अन्य मांगों को पूरा करने के लिए एक माह का समय मांगा गया। यदि एक माह बाद भी हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो फिर अनिश्चित कालीन हड़ताल में जाएंगे।
अभी इन मांगों को पूरा करने के लिए शासन ने मांगा समय
बीते पांच माह से राशन दुकानों में समय पर चावल का आवंटन नहीं हो रहा है।
बारदाना की राशि, मार्जिन राशि, ई-पास मार्जिन राशि, वित्तीय पोषण राशि का समय पर भुगतान नहीं किया जाता है।
मार्जिन राशि में बीते 20 वर्ष से एक रुपये की वृद्धि नहीं हुई है।
राशन वितरण के अलावा सत्यापन जैसे अन्य कार्य कराने पर पारिश्रमिक अनिवार्य कर दिया जाए।
कोरोना काल में दुकानदारों से कुछ माह का डीडी राशि लेकर फ्री राशन बंटवाया गया, वह राशि भी अभी तक वापस नहीं की गई।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने खत्म किया धरना
वहीं दूसरी तरफ अपनी कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे खाद्य विभाग के अधिकारियों ने खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल से मिलने के बाद अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया है।
बता दें कि उनकी वेतन विसंगति, पदोन्नति • में 75 फीसदी सहायक खाद्य अधिकारी से खाद्य अधिकारी का स्थान आरक्षित करने और खाद्य संचालनालय के लिपिकों को पिछले दरवाजे से सहायक संचालक बनाने की नीति का विरोध कर रहे थे। संघ के पदाधिकारी का कहना है कि, लिखित परीक्षा में मेरिट में आने वाले लोगों को पदोन्नति किया जाना था। लेकिन संचालनालय स्तर पर नियम में बदलाव कर मैदानी अमले के पदोन्नति पर रोक लगा दी गई। शासन द्वारा शीघ्र मांगों के निराकरण का आश्वासन दिया है।