रायपुर। छत्तीसगढ़ में रहने वाले उत्तर भारतीयों और महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खबर सामने आई है। रेलवे बोर्ड के आदेश पर रेल प्रशासन ने छत्तीसगढ़ से प्रयागराज के लिए जाने वाली एकमात्र ट्रेन सारनाथ एक्सप्रेस को रद्द कर दिया है। जानकारी के अनुसार, इसका बड़ा कारण उत्तर भारत में पड़ने वाली ठंड और कोहरे को बताया जा रहा है। वहीं घने कोहरे के बावजूद उत्तर भारत की ओर बिलासपुर डिवीजन से प्रतिदिन 30 से अधिक मालगाड़ियां कोयला और अन्य सामानों को लेकर अप डाउन कर रही है, जिसके परिचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। प्रयागराज में प्रतिवर्ष की तरह वर्ष 2025 में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक कुंभ का मेला लगने जा रहा है। जिसमे विदेशों के साथ देश के विभिन्न प्रदेशों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर गंगा स्नान करते हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए कुंभ मेले में भंडारे और रहने की भी व्यवस्था प्रयागराज में की जाती है।
आपको बता दें कि, छत्तीसगढ़ से प्रयागराज तक जाने वाली एकमात्र ट्रेन दुर्ग से रायपुर, भाटापारा, दाधापारा से डायवर्ट कर उसलापुर होकर जाने वाली दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस है। जिसमें कुंभ मेले में जाने वाले श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है। इसके कारण पूरे एक माह तक चलने वाले कुंभ मेले में कई यात्रियों को कन्फर्म टिकिट मिलनी मुश्किल हो जाती है। सारनाथ एक्सप्रेस के अलावा दुर्ग-नौतनवा, गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस मानिकपुर से कट जाती है, जिसके कारण लाखों की संख्या में यात्री प्रयागराज तक जाने के लिए केवल सारनाथ में ही सफर करते हैं। इस वर्ष रेल प्रशासन ने कुंभ मेले में जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी निराश कर दिया है। रेलवे बोर्ड के आदेश पर 20 दिन पहले एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसमें उत्तर भारत में ठंड और कोहरे को देखते हुए आने-जाने वाली करीब 77 ट्रेनों को रद्द कर दिया है।
आपको बता दें कि, छत्तीसगढ़ से चलने वाली यह एकमात्र ऐसी ट्रेन है, जिसकी सुविधा यात्रियों को नैनी, प्रयागराज, बनारस और गया तक मिल जाती है। यह ट्रेन प्रदेश के दुर्ग से रवाना होकर भिलाई, रायपुर, भाटापारा, उसलापुर, पेंड्रा स्टेशन में रुकती है। इन स्टेशनों में ट्रेनों का स्टॉपेज होने के बावजूद प्रदेश के सभी जिले बिलासपुर, मुंगेली, बेमेतरा, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर चांपा सहित अन्य जिले से बड़ी संख्या में यात्री सारनाथ एक्सप्रेस में सफर करने के लिए पहुंचते हैं।
संयुक्त पूर्वांचल समाज ने किया था विरोध
पूर्वांचल के लोगों में सक्रिय तीनों समाज पाटलीपुत्र सांस्कृतिक विकास मंच के सचिव सुधीर झा, भोजपुरी समाज के सचिव बीएन ओझा, सहजानंद सरस्वती समाज के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि रेल प्रशासन का देश के प्रयागराज में 13 जनवरी से होने वाले महाकुंभ आयोजन के समय सारनाथ रद्द करने का निर्णय अव्यवहारिक है। सारनाथ प्रयागराज की एकमात्र सीधी रेल सेवा है। इस विषय को लेकर समाजों के प्रतिनिधि मंडल रेल मंत्री के नाम डीआरएम को ज्ञापन सौंपकर सांसद व केन्द्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू, स्थानीय निर्वाचित विधायकों से मुलाकात कर सारनाथ को पुनः नियमित रूप से प्रारंभ करने का आग्रह करेंगे।
पूर्व विधायक ने ट्रेन नियमित करने की मांग
सारनाथ एक्सप्रेस के 76 दिन तक रद्द किए जाने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह ने भी रेल प्रशासन को पत्र लिखकर सारनाथ एक्सप्रेस को नियमित रूप से चलाने की मांग की है। इसके आलावा आज बिलासपुर पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने भी रेलवे जोन महाप्रबंधक नीनु इटियेरा से मुलाक़ात कर रेलवे की अनियमितताओं और महाकुंभ में सारनाथ के रद्द होने के विषय पर चर्चा की है, ताकि प्रयागराज, बनारस, गया की ओर जाने वाली प्रदेश की एकमात्र ट्रेन सारनाथ एक्सप्रेस के यात्रियों को किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े।
मालगाड़ियों पर कोहरे का कोई असर नहीं
प्रयागराज में कुंभ का मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। वहीं रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे की 77 ट्रेनों के साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश से प्रयागराज जाने वाली सारनाथ को भी कोहरे के कारण 76 दिन यानी 2 दिसंबर से 27 फरवरी तक तीन माह के लिए अलग-अलग दिनों में रद्द कर दिया है। सारनाथ को रद्द करने की वजह कोहरा बताया जा रहा है, क्योंकि कोहरे में इंजन के चालक, परिचालक को रेल लाइन दिखाई नहीं देती है। इसके कारण दुर्घटना होने का खतरा लगा रहता है। वहीं बिलासपुर डिवीजन से प्रतिदिन 30 से अधिक मालगाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है, जिस पर कोहरे का कोई असर नहीं हो रहा है।