रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान आज दिवंगत विधायकों और सांसदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सदन में 5 मिनट का मौन रखा गया और फिर सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई।
वहीं, प्रश्नकाल के दौरान बिलासपुर जिले में अवैध कब्जे का मुद्दा उठाया गया। बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाते हुए आरोप लगाया कि बिलासपुर जिले के कई हिस्सों में प्रभावशाली लोगों ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। उन्होंने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की मांग की।
भा.ज.पा. विधायक ने कहा कि सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ जांच की जानी चाहिए, ताकि मामले की गहनता से छानबीन हो सके। इसके बाद राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकारी भूमि पर कब्जे की शिकायतों की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि 2021 से 2024 तक 563 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनकी जांच शुरू की जाएगी।
इस पर सुशांत शुक्ला ने सवाल किया कि अब तक कितने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि इस मामले में पट्टा वितरण की प्रक्रिया को लेकर जांच की जाएगी और यदि पूर्व सरकार के दौरान गलत तरीके से पट्टा वितरित किए गए थे, तो उस पर भी जांच कराई जाएगी।
इसके बाद, भाजपा विधायक धरमजीत सिंह ने सप्लीमेंट्री सवाल पूछा, जिसमें उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि पर कब्जे की स्थिति बहुत गंभीर हो गई है। उन्होंने कहा कि कई प्रभावशाली व्यक्तियों और बिल्डरों ने सरकारी जमीनों पर कब्जा किया है, जिससे अफरा-तफरी मची हुई है। उन्होंने कलेक्टर से इस पर त्वरित कार्रवाई की मांग की और कहा कि कलेक्टर को निर्देशित किया जाना चाहिए ताकि सरकारी भूमि को मुक्त कराया जा सके। इस पर मंत्री टंकराम वर्मा ने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर कलेक्टर से जांच कराई जाएगी और एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाएगी, जो मामले की पूरी तरह से जांच करेगी।