December 14, 2025 11:55 pm

नक्सलियों का प्रस्ताव : सरकार ने नाकारा, बिना हथियार डाले बात नहीं करेगी सरकार, इसलिए शाह की बैठक में वार्ता पर मंथन नहीं

रायपुर। छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का तेजी से खात्मा हो रहा है, इस बीच नक्सली संगठन की सेंट्रल कमेटी ने परचा जारी कर केंद्र और राज्य सरकारों से शांतिवार्ता की पेशकश की थी, लेकिन सरकार का रुख अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। एक दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी छत्तीसगढ़ आकर नक्सल मुद्दे पर उच्च स्तरीय बैठक ली थी, जानकार उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो नक्सलियों के प्रस्ताव पर इस बैठक में कोई खास बात नहीं हुई है। दरअसल, नक्सलियों से शांतिवार्ता के सवाल पर केंद्र और राज्य सरकार का स्पष्ट स्टैंड है कि नक्सली पहले हथियार डाले उसके बाद वार्ता के लिए आगे आएं।

400 साथी मारे गए हैं। छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में नक्सलियों को लग रहे तगड़े झटकों के बीच वे शांति वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं। ये फैसला लेने से पहले नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी की बैठक हैदराबाद में हुई थी, इसके बाद नक्सलियों के प्रवक्ता ने एक पर्चा जारी कर सरकारों से शांति वार्ता की पहल की है।

भारी हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह पिछले दिनों छत्तीसगढ़ दंतेवाड़ा जिले में आए थे। लेकिन इससे पहले ही राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने इस शांति वार्ता के प्रस्ताव कहा था कि हथियार छोड़े बगैर बातचीत नहीं हो सकती।

इधर राज्य पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो सरकार ये नक्सलियों की ये शर्त मानने को कतई तैयार नहीं है कि नए सुरक्षा कैंप नहीं खुलना चाहिए। सूत्रों का कहना है ये सरकार के अधिकार क्षेत्र की बात है कि कहां कैंप खोले कहां थाना। इसी तरह नक्सलियों द्वारा पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा सीजफायर करने की बात को भी पूरी तरह खारिज किया गया है। खुद केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने दंतेवाड़ा में नक्सलियों से कहा है कि हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आएं।

अगले साल तक प्रदेश होगा नक्सल मुक्त 

BBC LIVE
Author: BBC LIVE

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