One Nation One Election: लोकसभा में पेश ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पर विपक्ष ने भारी विरोध जताया है. दो विधेयक – संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक – लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने के उद्देश्य से कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल द्वारा पेश किए गए. गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बोलते हुए सुझाव दिया कि विधेयक को बहस के लिए संसदीय पैनल के पास भेजा जा सकता है. जिसके बाद विधेयक को जेपीसी के पास भेजने का प्रस्ताव पास हो गया है.
अमित शाह ने लोकसभा में कहा, “हम इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेज सकते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री भी यही चाहते हैं. डीएमके के टीआर बालू ने कहा कि विधेयक को जेपीसी को भेजा जाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने खुद कहा है कि हम इसे जेपीसी को भेजने के लिए तैयार हैं.”
विधेयक को लेकर पहले इलेक्ट्रॉनिक मशीन से वोटिंग हुई, इसका विरोध करने पर पर्ची से मतदान हुआ. पर्ची से हुए मतदान के बाद स्पीकर ओम बिरला ने नतीजे बताए. स्पीकर ने बताया कि प्रस्ताव के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े. बहुमत प्रस्ताव के पक्ष में है. इसके बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल सदन में पेश कर दिया. इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
इन पार्टियों ने जताया विरोध
विधेयक को पेश किये जाने पर विपक्ष की ओर से तीखी आलोचना हुई, जिसमें एनसीपी (शरद पवार गुट) की सुप्रिया सुले, कांग्रेस के मनीष तिवारी, तृणमूल के कल्याण बनर्जी, समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव और डीएमके के टीआर बालू जैसे नेताओं ने हमला बोला.
विपक्ष द्वारा विधेयक का विरोध किये जाने पर विधि मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि “एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक पर आपत्तियां राजनीतिक प्रकृति की हैं.” मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक भाजपा और उसके सहयोगियों तथा ‘इंडिया’ ब्लॉक के बीच विवाद का नया मुद्दा बन गया है. भाजपा और उसके सहयोगियों ने जहां विधेयकों का समर्थन किया है, वहीं कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और शिवसेना (यूबीटी) सहित कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया है।
32 दल विधेयक का कर रहे समर्थन
एक राष्ट्र एक चुनाव के प्रस्ताव का 32 दल समर्थन कर रहे हैं, जबकि 15 अन्य इसका विरोध कर रहे हैं. जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी जैसी तटस्थ पार्टियों ने भी इस विधेयक का समर्थन किया है, जिससे लोकसभा के साथ-साथ राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हो सकेंगे.