Goa Liberation Day: आज गोवा का 62वां लिबरेशन डे मनाया जा रहा है, जब भारत ने पुर्तगाल के सैनिकों से गोवा को मुक्त कराया था. 19 दिसंबर, 1961 को महज 36 घंटों में भारतीय सैनिकों ने पुर्तगाली शासन को समाप्त कर दिया और गोवा को भारत का हिस्सा बना लिया. 1510 में पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा किया था. भारत को आजादी मिलने के 14 साल बाद भी गोवा पर पुर्तगालियों का राज कायम रहा.
अंग्रेजों से आजादी पाने के बाद भारत सरकार ने शांति के प्रयास किए, लेकिन पुर्तगालियों ने गोवा से अपना शासन हटाने से इंकार कर दिया. इसके बाद भारत ने आर्थिक प्रतिबंध लगाए और फिर सैन्य ताकत का इस्तेमाल करने का फैसला लिया.
पुर्तगालियों की चूक ने भारत को दिया मौका
1961 में पुर्तगाली सैनिकों ने मछुआरों पर गोलियां चलाकर एक मछुआरे की हत्या कर दी, जिसके बाद हालात बिगड़ने लगे. इस मौके का फायदा उठाते हुए पीएम नेहरू ने ऑपरेशन विजय की योजना बनाई. भारतीय सेना ने 30 हजार सैनिकों के साथ 17 दिसंबर 1961 को ऑपरेशन विजय की शुरुआत की. पुर्तगालियों ने पहले भारतीय सैनिकों को रोकने के लिए वास्को के पुल को उड़ा दिया, लेकिन 19 दिसंबर तक पुर्तगालियों ने समर्पण कर दिया.
36 घंटे में गोवा को आजादी
पुर्तगाल के गवर्नर मेन्यू वासलो डे सिल्वा ने 19 दिसंबर को भारत के सामने समर्पण कर दिया और गोवा भारत में शामिल हो गया. इसके बाद दमन-दीव को भी आजादी मिल गई.
राज्य का दर्जा
30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला और वह भारत का 25वां राज्य बन गया. गोवा मुक्ति दिवस की इस ऐतिहासिक जीत को हर साल 19 दिसंबर को याद किया जाता है.