महाराष्ट्र के नागपुर में बुधवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आया है. एक 25 वर्षीय एक इंजीनियरिंग छात्र ने अपनी शिक्षा और करियर को लेकर अपने माता-पिता के बीच मतभेद के चलते कथित तौर पर उनकी हत्या कर दी. आरोपी की पहचान उत्कर्ष ढकोले के रूप में हुई है, जिसने 26 दिसंबर को शहर के कपिल नगर इलाके में अपने माता-पिता के घर पर इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया. पड़ोसियों द्वारा दुर्गंध की शिकायत किए जाने के बाद अधिकारियों को इस दोहरे हत्याकांड के बारे में सबसे पहले जानकारी मिली.
पुलिस उपायुक्त- जोन वी (डीसीपी) निकेतन कदम ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके माता-पिता के सड़े-गले शव बरामद होने के बाद उसने हत्या की बात कबूल कर ली है. पीड़ितों की पहचान 55 वर्षीय लीलाधर ढकोले और उनकी 50 वर्षीय पत्नी अरुणा के रूप में हुई है.
नागपुर डबल मर्डर केस कैसे हुआ?
पीटीआई ने पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया, उत्कर्ष ने 26 दिसंबर को दोपहर के समय अपनी मां जो एक शिक्षिका थीं की कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी और बाद में अपने पिता जो एक बिजली संयंत्र में तकनीशियन और सामाजिक कार्यकर्ता थे, की शाम 5 बजे घर लौटने पर चाकू घोंपकर हत्या कर दी. इसके बाद उसने शवों को वहीं छोड़ दिया.
शैक्षणिक रिकॉर्ड और करियर को लेकर विवाद
प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि उत्कर्ष के खराब शैक्षणिक रिकॉर्ड और करियर को लेकर विवाद की वजह से ऐसा हुआ. अधिकारी ने कहा, उत्कर्ष अपने इंजीनियरिंग कोर्स के दौरान कई विषयों में पास नहीं हो पाया. इसलिए उसके माता-पिता चाहते थे कि वह इंजीनियरिंग छोड़कर कुछ और चुने. हालांकि वह उनके सुझाव के खिलाफ था.
सबूत मिटाने के लिए उत्कर्ष ढकोले अपनी कॉलेज जाने वाली बहन को जो अपने माता-पिता की हत्या के बारे में नहीं जानती थी, अपने चाचा के घर ले गया और उनके साथ रहने लगा. इसके अलावा अपने गलत काम को छिपाने के लिए, उसने अपने रिश्तेदारों से झूठ बोला कि उसके माता-पिता कुछ दिनों के लिए बेंगलुरु गए हैं. उसने झूठ बोला कि उसके माता-पिता कर्नाटक की राजधानी में एक ध्यान कार्यक्रम में हैं.