जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में पिछले 48 दिनों में सुरक्षा बलों ने कुख्यात नक्सली हिड़मा के गढ़ में सेंध लगाते हुए दस नए कैंप स्थापित किए हैं। पिछले तीन दिनों में दो और कैंप खोले गए हैं। 29 दिसंबर को सुकमा जिले के मेटागुडेम में एक कैंप खोला गया, उसके बाद 31 दिसंबर को बीजापुर जिले के कोर्रा गुट्टा में एक और कैंप खोला गया। नतीजतन, पूरा इलाका किलेबंद क्षेत्र में तब्दील हो गया है। आईजी सुंदर राज पी ने संकेत दिया है कि इन नए स्थापित कैंपों से नक्सल विरोधी अभियानों में तेजी आएगी।
साल 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने का रखा है लक्ष्य
गृह मंत्री अमित शाह ने साल 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें सुरक्षा बलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती नक्सल कॉरिडोर को तोड़ना है। यह इलाका इसलिए क्योंकि यह हिड़मा समेत देश के कुछ बड़े नक्सल नेताओं का ठिकाना रहा है। तय रणनीति के मुताबिक, बीजापुर के तर्रेम, चिन्नागेलुर, गुंडेम और छुटावाही के कैंपों के बाद 13 नवंबर 2024 को कोंडापल्ली में कैंप खोलने के बाद जिदपल्ली-1, जिदपल्ली-2, वाटेवागु और अब कोरागुट्टा में अतिरिक्त कैंप स्थापित किए गए, जिससे पामेड़ तक जाने वाली 40 साल से बंद सड़क फिर से खुल गई। इसी तरह, सुकमा में सिलगेर और पूवर्ती के कैंपों के बाद 13 नवंबर को तुमालपाड़ा में कैंप खोलने के बाद रायगुडेम, गोलाकुंडा और गोमगुड़ा के बाद मेटागुडेम में पांच नए कैंप स्थापित किए गए, जिससे नक्सलियों को प्रभावी ढंग से खदेड़ दिया गया।