15 C
New York
April 18, 2025
दिल्ली एनसीआरराष्ट्रीय

जस्टिन ट्रूडो इस्तीफा देते हुए बोले- इस बात का हमेशा रहेगा अफसोस, कनाडाई मीडिया ने कहा- ‘पहली बार, वे बूढ़े दिखे..’

नई दिल्ली। कनाडा के 23वें प्रधानमंत्री और एक दशक से ज़्यादा समय तक लिबरल पार्टी के नेता रहे जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। इसके साथ ही उनके 9 साल के कार्यकाल का भी अंत हो गया। ओटावा में एक खचाखच भरे प्रेस कॉन्फ्रेंस में 53 वर्षीय नेता ने अपनी उपलब्धियों, चुनौतियों का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि उन्हें किस बात का अफसोस रह गया। उन्होंने कहा कि इस साल देश में होने वाले आम चुनावों के दौरान भी यह बात उन पर हावी होती रहेगी।

ट्रूडो को किस बात का अफसोस

जस्टिन ट्रूडो ने कहा, “अगर मुझे किसी एक बात का अफसोस है, खासकर इस चुनाव के करीब आने पर तो शायद कई सारे अफसोस हैं जिनके बारे में मैं सोचूंगा। लेकिन मैं चाहता हूं कि हम इस देश में अपनी सरकारों को चुनने के तरीके को बदल पाएं, ताकि लोग उसी बैलेट पर आसानी से दूसरा विकल्प या तीसरा विकल्प चुन सकें।” ट्रूडो का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब लिबरल पार्टी गिरते हुए मतदान आंकड़ों, आंतरिक कलह से जूझ रही है। पियरे पोलिएवर के नेतृत्व में कंजर्वेटिव विपक्ष से फिर से मजबूत हो रहा है।

ट्रूडो ने स्वीकार किया कि उनकी पार्टी और उनके नेतृत्व के सामने आने वाली चुनौतियां बहुत बड़ी हैं क्योंकि कनाडा इस साल के अंत में होने वाले महत्वपूर्ण चुनावों की तैयारी कर रहा है। ट्रूडो ने कहा, “यह देश अगले चुनाव में एक वास्तविक विकल्प का हकदार है, और यह मेरे लिए स्पष्ट हो गया है कि यदि मुझे आंतरिक लड़ाई लड़नी पड़ रही है, तो मैं उस चुनाव में सबसे बढ़िया विकल्प नहीं हो सकता।”

ट्रूडो आखिर क्यों पीछे हटे

जब उन्होंने 2015 में लिबरल्स को पहली बार जीत दिलाई, तो ट्रूडो को एक प्रगतिशील की मशाल लेकर चलने वाला बताया गया। उन्होंने कई वादे किए जलवायु कार्रवाई और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों की वकालत की। बढ़ती लीविंग कॉस्ट और अपनी ही पार्टी के भीतर पनपे असंतोष के अलावा कई मुद्दों पर आलोचना का सामना करते हुए, ट्रूडो ने एक कठिन चुनाव अभियान का सामना करने के बजाय पीछे हटने का विकल्प चुना।

क्या कह रही कनाडा की मीडिया?

सोमवार को जस्टिन ट्रूडो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री पद छोड़ने की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने जो भाषण दिया, उसकी कनाडाई मीडिया में काफी चर्चा है। ट्रूडो भाषण के दौरान अपनी उपलब्धियों का जिक्र करते हुए सरकार की विफलताओं के लिए दूसरों पर दोष मढ़ने से नहीं चूके।

ट्रूडो ने कहा कि 2015 में जब उन्होंने पद संभाला था, तब की तुलना में कनाडा अब बेहतर स्थिति में है। इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी के लोग अंदरूनी लड़ाई लड़ते रहेंगे तो कनाडा के लोगों के लिए वोटिंग के दौरान वो सर्वश्रेष्ठ विकल्प नहीं हो सकते।

‘ट्रूडो ने वोटर्स को फंसा दिया है’

स्थानीय अखबार नेशनल पोस्ट में राजनीतिक विश्लेषक ताशा खैरिद्दीन का एक लेख छपा है जिसमें वो ट्रूडो के भाषण पर सवाल उठा रही हैं।

लेख में ताशा ने लिखा, ‘ट्रूडो ने कहा कि- मैं पार्टी नेता और प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं जब पार्टी अपने अगले नेता का चयन कर लेगी। ट्रूडो को पूरी तरह पद छोड़ने में कितना समय लगेगा? सुनने में तो ऐसा लग रहा है कि दो महीने से भी ज्यादा समय लगेगा क्योंकि अपने इस्तीफे की घोषणा से पहले प्रधानमंत्री ने गवर्नर जनरल से 24 मार्च तक संसद को स्थगित करने के लिए भी कहा था।’

राजनीतिक विश्लेषक ताशा आगे लिखती हैं, ‘ये बात कहकह ट्रूडो ने अपनी पार्टी को फिर से संगठित होने का समय दे दिया है, उन्होंने विपक्ष और मतदाताओं को फंसा दिया है। अब ढाई महीने तक अविश्वास मत और चुनाव का कोई मौका नहीं होगा।’

कनाडाई अखबार टोरंटो स्टार में भी 24 मार्च तक देश की संसद के स्थगन को लेकर खबरें चल रही हैं। अखबार लिखता है कि सत्र का स्थगन एक सामान्य राजनीतिक प्रक्रिया है जो संसद को पूर्व निर्धारित समय तक रोक देती है।

कनाडा के न्यूज ब्रॉडकास्टर सीबीसी ने अपने एक विश्लेषणात्मक लेख को शीर्षक दिया है- ट्रूडो ने समीकरण से खुद को बाहर कर लिया है लेकिन सवाल की जटिलता कम नहीं हुई है (Trudeau removes himself from the equation, but the math doesn’t get much easier)।

अखबार ने लिखा, ‘जिस दिन उन्होंने आखिरकार इस्तीफा देने की बात मान ली, उस दिन जस्टिन ट्रूडो उचित रूप से विनम्र दिखे। शायद पहली बार, वे बूढ़े दिखे। और उनके सार्वजनिक बयानों में अक्सर दिखने वाला दिखावा भी खत्म हो गया। कई महीनों तक धीमी गति से चल रही असहमति और बेचैनी के बाद “आंतरिक लड़ाइयों” ने ट्रूडो को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया।’

Related posts

मणिपुर हिंसा को लेकर CM बीरेन सिंह ने मांगी माफी

bbc_live

Aaj Ka Mausam: अगले महीने बारिश और कोहरा मचाएगा कहर! कड़ाके की ठंड से कांपेंगे लोग; पढ़ें आज का वेदर अपडेट

bbc_live

72 साल में पहली बार देश में स्पीकर पद के लिए चुनाव: ओम बिरला के खिलाफ के सुरेश विपक्ष के उम्मीदवार, नहीं बनी सहमति

bbc_live

कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाया जायगा 26 या 27 अगस्त को जानिए सही तारीख

bbc_live

Aaj Ka Panchang : जानिए 26 जुलाई के दिन किस समय पर शुरू करें कोई शुभ कार्य?

bbc_live

विनेश फोगाट की सुनवाई में आया मोड़ : चार प्रमुख दलीलें पेश, फैसले की घड़ी नजदीक

bbc_live

‘सैनिक बनने के लिए तैयार हूं..’, बॉर्डर 2 में दिलजीत दोसांझ की एंट्री, टीज़र देख रोंगटे खड़े हो जाएंगे, ये है रिलीज़ डेट

bbc_live

ED ने सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ दायर किया आरोपपत्र: नेशनल हेराल्ड केस में बड़ी कार्रवाई, ₹661 करोड़ की संपत्ति जब्त होगी

bbc_live

आज की सोने-चांदी की कीमतें : जानें क्या है आज की ताजा कीमतें और क्यों हुई गिरावट?

bbc_live

मुरादाबाद से लखनऊ के लिए फ्लाइट शुरू, जानिए कितना होगा किराया

bbc_live

Leave a Comment