नई दिल्ली। चीन में तेजी से फैल रहे HMPV वायरस ने अब भारत में भी लगातार बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और पश्चिम बंगाल में HMPV वायरस के कुल आठ मामले सामने आए हैं। मंगलवार को महाराष्ट्र के नागपुर में 13 साल की लड़की और 7 साल के लड़के में इस वायरस की पुष्टि हुई। दोनों बच्चों में सर्दी-जुकाम और बुखार जैसे लक्षण दिखे और बाद में जांच में पॉजिटिव नतीजे आए। सौभाग्य से, उनकी हालत गंभीर नहीं है। फिलहाल, दोनों बच्चों को घर पर ही आइसोलेट कर इलाज कराया जा रहा है। पिछले दो दिनों में आठ मामले सामने आने से पूरे देश में चिंता की स्थिति है।
बता दें कि, HMPV वायरस को लेकर चिंताओं के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह प्रतिक्रिया सामने आई है। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि, स्वास्थ्य मंत्रालय आईसीएमआर और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के साथ मिलकर एचएमपीवी के मामलों पर नजर रख रहा है। चीन और पड़ोसी देशों में स्थिति पर भी करीबी नजर रखी जा रही है। डब्ल्यूएचओ ने स्थिति को स्वीकार किया है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट साझा करेगा।
HMPV वायरस बच्चों और बुजुर्गों को करता है प्रभावित
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहली बार पहचान वर्ष 2001 में हुई थी और यह कई वर्षों से वैश्विक स्तर पर फैल रहा है। एचएमपीवी हवा में मौजूद श्वसन बूंदों के माध्यम से फैलता है। नड्डा ने कहा कि यह सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, हालांकि यह विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि वायरस सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीनों में अधिक फैलता है।
‘चिंता का कोई कारण नहीं है, स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं’ – जेपी नड्डा
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि, आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम से उपलब्ध श्वसन रोगजनकों के आंकड़ों की समीक्षा की गई है, जिससे पता चला है कि भारत में किसी भी सामान्य श्वसन वायरल रोगजनकों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। स्थिति का आकलन करने के लिए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह की बैठक 4 जनवरी को बुलाई गई थी। देश की स्वास्थ्य प्रणाली और निगरानी नेटवर्क सतर्क है, जिससे किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों का तुरंत जवाब देने के लिए तत्परता सुनिश्चित हो सके। चिंता का कोई कारण नहीं है, और हम स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं।