रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में ED ने बड़ा खुलासा किया है। ED ने बताया कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे।
जानकारी के अनुसार, ED ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि, लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बड़ियों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया। शराब नीति बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। फिलहाल कवासी लखमा 21 जनवरी तक ED की रिमांड पर हैं। मंगलवार को 7 दिन की कस्टोडियल रिमांड खत्म हो रही है। लखमा को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां ED रिमांड या तो न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने की मांग कर सकती है।
बता दें कि, शराब घोटाला मामले में 28 दिसंबर को ED ने पूर्व मंत्री लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी। छापेमार कार्रवाई में ED ने नगद लेनदेन के सबूत मिलने की जानकारी दी थी। 3 जनवरी को दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ा गया था। जिसके बाद उन्हे 15 जनवरी को फिर गिरफ्तार कर ईडी रिमांड पर रखा गया था। वहीं कल ये रिमांड खत्म हो रही हैं।