December 17, 2025 4:02 pm

कोल्ड वेव की चेतावनी: MP में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच मौसम ने दिखाई सख्ती

भोपाल 

मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के साथ एक बार फिर शीतलहर का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने बुधवार को प्रदेश के कई शहरों में कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया है। इंदौर, उज्जैन और देवास में घने कोहरे के साथ तेज ठंडी हवाएं चलने की चेतावनी दी गई है। कोहरे के कारण दृश्यता कम होने से सड़क यातायात के साथ-साथ हवाई और रेल यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वाहन चालकों को कोहरे के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

इंदौर में ठंड का प्रचंड रूप
इंदौर में ठंड ने तीखे तेवर दिखाए हैं और तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार सुबह शहर का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री के नीचे चला गया और 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य तापमान से 5.8 डिग्री कम है। इससे पहले मंगलवार को दिन का तापमान 26.6 डिग्री था, लेकिन रात भर चली तेज ठंडी हवाओं ने पारे को नीचे गिरा दिया। सुबह के वक्त शहर में घना कोहरा छाया रहा, हालांकि बाद में तेज धूप निकलने से लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली।

मौसम विभाग ने बुधवार को भोपाल, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, दमोह, सागर और विदिशा में घना कोहरा छाने का अलर्ट जारी किया है।

वहीं, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, देवास, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, मंडला, शिवपुरी, श्योपुर, नीमच, मंदसौर में भी कोहरा छाया रहा। कोहरा छाने के दौरान वाहनों को सावधानी से चलाने की समझाइश भी दी गई है।

ट्रेन और हवाई सेवाओं पर असर
घने कोहरे और कम दृश्यता की मार यातायात व्यवस्था पर पड़ी है। इंदौर आने-जाने वाली कई फ्लाइट्स निरस्त करनी पड़ी हैं और देशभर में कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही हैं। उत्तर भारत, विशेषकर दिल्ली में खराब मौसम और घने कोहरे का सीधा असर मध्य प्रदेश के रेल यातायात पर पड़ा है। दिल्ली से भोपाल और इंदौर की ओर आने वाली ट्रेनें लगातार दूसरे दिन घंटों की देरी से पहुंचीं। 

2 दिन में 35 से ज्यादा ट्रेनें लेट, रेलवे बोला- धीमी गति से चला रहे

दिल्ली तरफ और उत्तर भारत में घने कोहरे और खराब मौसम का असर लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी रेल यातायात पर देखने मिला। दिल्ली की ओर से भोपाल आने वाली कई ट्रेनें घंटों की देरी से पहुंचीं। सबसे ज्यादा असर लंबी दूरी की ट्रेनों पर पड़ा, जिनमें कुछ ट्रेनें 6 से 7 घंटे तक लेट रहीं। इससे यात्रियों को स्टेशन पर लंबा इंतजार करना पड़ा।

रेल अधिकारियों के अनुसार, कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम हो गई है। हालांकि, ट्रेनों में एंटी फॉग डिवाइस लगाए गए हैं, लेकिन उनका असर उतना कारगर नहीं हो पा रहा है, जितना अपेक्षित था। इसी वजह से ट्रेनों की गति कम रखनी पड़ रही है, जिससे देरी बढ़ रही है।

भोपाल में पारा रिकॉर्ड 4.8 डिग्री, 10 साल में तीसरी सबसे सर्द रात

मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार-मंगलवार की रात प्रदेश के कई शहरों में न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड लुढ़क गया। भोपाल में सीजन की सबसे सर्द रात रही। यहां तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। साल 2016 से अब तक 10 साल में यह तीसरी सबसे सर्द रात रही। पिछले साल 16 दिसंबर को पारा 3.3 डिग्री दर्ज किया गया था।

भोपाल देश का 8वां और मप्र का दूसरा सबसे ठंडा शहर बन रहा। प्रदेश में शाजापुर में सबसे कम तापमान 4.4 डिग्री दर्ज किया गया।

इंदौर में तापमान 5.4 डिग्री, ग्वालियर-जबलपुर में 9 डिग्री और उज्जैन में 9.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रीवा, सतना और सीधी में विजिबिलिटी 200 से 500 मीटर तक रही। शाजापुर सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान 4.4 डिग्री पहुंच गया।

मंदसौर में 4.6 डिग्री, शहडोल के कल्याणपुर, नौगांव-राजगढ़ में 5 डिग्री, पचमढ़ी में 5.2 डिग्री, रीवा में 5.5 डिग्री, रायसेन में 6.5 डिग्री, मलाजखंड में 7.1 डिग्री, उमरिया में 7.2 डिग्री, नरसिंहपुर-खजुराहो में 8 डिग्री, दमोह-मंडला में 8.2 डिग्री, दतिया में 8.3 डिग्री, बैतूल में 8.5 डिग्री, सतना में 8.7 डिग्री, शिवपुरी में 9 डिग्री, गुना में 9.5 डिग्री, छिंदवाड़ा, खरगोन और रतलाम में तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस रहा।

सुबह कोहरा...इसलिए गाड़ी संभलकर चलाने की सलाह प्रदेश में कोहरा छा रहा है। ऐसे में एक्सपर्ट ने लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग करने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने हेल्थ और फसलों को लेकर एडवाइजरी भी जारी की है।

    ट्रैफिक – कोहरा होने पर गाड़ी चलाते समय या किसी ट्रांसपोर्ट के जरिए ट्रैवल करते समय सावधान रखें। ड्राइविंग धीरे करें और फॉग लाइट का इस्तेमाल करें।
    हेल्थ- तेज ठंड होने पर शरीर की गर्माहट बनाए रखने के लिए सिर, गर्दन, हाथ-पैर की उंगलियों को अच्छे से ढंके। फ्लू, सर्दी, खांसी-जुकाम होने पर डॉक्टर को दिखाए। विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं।
    कृषि– जहां मिट्‌टी में पर्याप्त नमी हो, वहां गेहूं, चना, सरसों-मटर की बुआई करें। जहां बुआई हो चुकी है, वहां जरूरत पड़ने पर कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लें। पिछली फसलों के अवशेष यानी, ठूंठ को कभी न जलाएं।

17 दिसंबर से फिर नया सिस्टम, ठंड बढ़ेगी मौसम विभाग के अनुसार, नए नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) 17 दिसंबर की रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है। जिसका असर एमपी में अगले दो-तीन दिन में दिखाई देने लगेगा। इसके पीछे ही एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस आ रहा है। इससे ठंड का असर और भी बढ़ेगा।

जेट स्ट्रीम की रफ्तार 222 किमी प्रतिघंटा वर्तमान में जेट स्ट्रीम भी चल रही है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में जेट स्ट्रीम का असर है। रविवार तक यह जमीन से 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर 176 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बह रही थी, लेकिन पिछले 2 दिन से यह 222 किमी प्रतिघंटा तक पहुंच गई है। इसका असर भी एमपी में देखने को मिल रहा है।

क्या होती है जेट स्ट्रीम? मौसम एक्सपर्ट की माने तो प्रदेश में ठंड बढ़ने की वजह खास वजह जेट स्ट्रीम भी है। यह जमीन से लगभग 12 किमी ऊंचाई पर चलने वाली तेज हवा है। इस बार रफ्तार 222 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई है। यह देश के उत्तरी हिस्से में सक्रिय है।

पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवा के अलावा ये ऊंची हवा सर्दी बढ़ा रही है। उत्तर के मैदानी इलाकों से जब ठंडी हवा और पहाड़ी इलाकों से बर्फीली हवा हमारे यहां आती है, तब तेज ठंड पड़ती है। यह सब उत्तर भारत में पहुंचने वाले मौसमी सिस्टम वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण होता है। ऐसे में यदि जेट स्ट्रीम भी बन जाए तो सर्दी दोगुनी हो जाती है। इस बार यही हो रहा है।

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Author: Editor

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