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October 6, 2024
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पिछले 11 वर्षों में औसत मासिक खर्च में कितना वृद्धि हुआ, सर्वे से हुआ खुलासा

नई दिल्ली: पिछले 11 वर्षों में खाने-पीने से लेकर तमाम तरह की चीजों और सेवाओं पर प्रति व्यक्ति औसत मासिक खर्च ढाई गुना तक बढ़ गया है। इस दौरान जहां कुल खर्च में खाने-पीने की चीजों की हिस्सेदारी घटी है, वहीं यात्रा और दूसरी चीजों पर खर्च बढ़ा है। साथ ही, ग्रामीण और शहरी इलाकों के बीच खर्च में अंतर घट गया है। यह जानकारी सरकार के लेटेस्ट हाउसहोल्ड कंजम्पशन एक्सपेंडिचर सर्वे से मिली। स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लिमेंटेशन मिनिस्ट्री के तहत आने वाले नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस ने अगस्त 2022 से जुलाई 2023 के बीच सर्वे कराया था। यह सर्वे हर 5 साल पर कराया जाता है, लेकिन सरकार ने 2017-18 के सर्वे का नतीजा आंकड़ों में गड़बड़ी की बात कहकर जारी नहीं किया था।

ताजा सर्वे में कुल खर्च में फूड आइटम्स की हिस्सेदारी घटने और दूसरी चीजों की बढ़ने का मतलब यह है कि इसके आधार पर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स की नई सीरीज तैयार करने में मदद मिलेगी। अभी इस इंडेक्स में खाने-पीने की चीजों का वेटेज एजुकेशन, मेडिकल या दूसरे आइटम्स से कहीं ज्यादा है और इनके दाम में कोई भी उतार-चढ़ाव महंगाई के आंकड़ों पर बड़ा असर डालता है।

ताजा सर्वे के मुताबिक, 2022-23 में ग्रामीण इलाकों में ऐवरेज मंथली पर कैपिटा कंजम्पशन एक्सपेंडिचर (MPCE) 3773 रुपये और शहरी इलाकों में 6459 रुपये रहा। 2010-11 में ये आंकड़े 1430 रुपये और 2630 रुपये पर थे। इस तरह रूरल एरिया में खर्च 2.6 गुना और अर्बन एरिया में 2.5 गुना बढ़ गया। इसके साथ ही रूरल-अर्बन गैप घटा है। 2010-11 में शहरों में औसत MPCE गांवों में खर्च से 84% अधिक था।

2022-23 में फासला घटा और यह करीब 71% ही अधिक रह गया है।बदल रहा खान-पान का पैटर्न2011-12 में ग्रामीण इलाकों में कुल मासिक खर्च में खाने-पीने की हिस्सेदारी 52.9% थी। 2022-23 में यह 46.4% पर आ गई। शहरों में भी आंकड़ा 42.6% से घटकर 39.2% पर आ गया। गांवों में खाने-पीने पर प्रति व्यक्ति एक महीने का खर्च 1750 रुपये और शहरों में 2530 रुपये रहा।

फूड आइटम्स में सबसे ज्यादा खर्च बेवरेजेज और बाहर से खरीदे गए कुक्ड आइटम्स का दिख रहा है। गांवों में दूध और इससे बनी चीजों पर प्रति व्यक्ति औसत मासिक खर्च 314 रुपये और अनाज पर 185 रुपये रहा।शहरों में इन पर खर्च 466 और 235 रुपये रहा। लेकिन बेवरेजेज और प्रोसेस्ड आइटम्स पर खर्च इनसे भी ज्यादा हो गया है।

गांवों में इन पर महीने का प्रति व्यक्ति औसत खर्च 363 रुपये और शहरों में 687 रुपये है। रूरल एरिया में बेवरेजेज और प्रोसेस्ड फूड पर खर्च 2011-12 में कुल MPCE का 7.9% था, जो 2022-23 में 9.6% हो गया। शहरों में यह 9% से बढ़कर 10.6% हो गया है।

FPI Investment: विदेशी निवेशकों का भारतीय बॉन्ड बाजार पर बढ़ा भरोसा, किया इतने करोड़ रुपये का तगड़ा निवेशखाने से अलग सबसे ज्यादा खर्च किस पर?खाने-पीने से अलग की चीजों पर गांवों में प्रति व्यक्ति औसत मासिक खर्च 2023 रुपये रहा। कुल खर्च में इसकी हिस्सेदारी 54% रही। शहरों में नॉन-फूड आइटम्स पर MPCE 3929 रुपये रहा। कुल खर्च में इसका हिस्सा 61% रहा।नॉन-फूड आइटम्स में रूरल एरिया में सबसे ज्यादा 285 रुपये का MPCE यात्रा के साधनों पर है। इसके बाद 269 रुपये के साथ मेडिकल खर्च का नंबर है।

शहरों में भी कन्वेएंस पर सबसे ज्यादा 555 रुपये का MPCE है, लेकिन 463 रुपये के साथ ड्यूरेबल गुड्स दूसरे और 424 रुपये के साथ एंटरटेनमेंट तीसरे नंबर पर है। ग्रामीण इलाकों में कन्वेएंस पर खर्च 2011-12 में कुल खर्च के 4.2% से बढ़कर 2022-23 में 7.6% हो गया। शहरों में यह 6.5% से 8.6% पर पहुंच गया।टॉप और बॉटम में कितना अंतर?प्रति व्यक्ति मासिक खर्च के हिसाब से गांवों में जो सबसे निचले 5% लोग हैं, वे 1373 रुपये महीने में गुजारा करते पाए गए।

शहरों में इस तबके के लिए ऐवरेज MPCE 2001 रुपये रहा। सबसे ऊपर के 5% लोगों के लिए गांवों में ऐवरेज MPCE 10501 रुपये रहा। उनके जैसे ही शहरी लोगों का प्रति व्यक्ति मासिक उपभोग खर्च 20824 रुपये रहा।राज्यवार क्या है हाल?सबसे ज्यादा MPCE सिक्किम में रहा। वहां ग्रामीण इलाकों के लिए यह 7731 रुपये और शहरी इलाकों में 12105 रुपये रहा। सबसे कम आंकड़ा छत्तीसगढ़ में 2466 रुपये और 4483 रुपये का रहा। दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में प्रति व्यक्ति औसत मासिक उपभोग खर्च 6576 रुपये और शहरी इलाकों में 8217 रुपये रहा।

यूपी में आंकड़ा 3191 रुपये और 5040 रुपये है। बिहार के रूरल एरिया में 3384 रुपये और अर्बन एरिया में 4768 रुपये का आंकड़ा है। महाराष्ट्र के गांवों में MPCE 4010 रुपये और शहरों में 6657 रुपये है।अलग-अलग सोशल ग्रुप्स की तस्वीर कैसी है?2022-23 के सर्वे के मुताबिक, रूरल एरिया में ST के लिए ऐवरेज MPCE 3016 रुपये और शहरी इलाकों में 5414 रुपये है। SC के लिए गुजर-बसर पर प्रति व्यक्ति मासिक खर्च का आंकड़ा गांवों में 3474 रुपये और 5307 रुपये का है। OBC के लिए यह 3848 रुपये और 6177 रुपये है। इनके अलावा बाकी लोगों के लिए गांवों में औसत MPCE 4392 रुपये और शहरों में 7333 रुपये है।

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