Night Brushing Importance: हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि दिन में दो बार यानी एक बार सुबह और एक बार रात में ब्रश करना चाहिए। हालांकि, ये आदत बहुत कम लोग ही नियमित रूप से अपनाते हैं। अधिकांश लोग तो सुबह ब्रश करते हैं लेकिन रात में अक्सर आलस्य के कारण ब्रश करना भूल जाते हैं या कहें छोड़ देते हैं क्या आप जानते हैं कि यह लापरवाही आपकी सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है? आइए, जानते हैं रात को ब्रश न करने से किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
रात को ब्रश न करने से हो सकती हैं ये समस्याएं
सांसों की बदबू
मसूड़ों की बीमारी और कैविटी
यदि आप दांतों को ब्रश किए बिना बिस्तर पर चले जाते हैं, तो दांतों की सड़न और मसूड़ों की गंभीर समस्याओं का सामना कर सकते हैं। दरअसल, रात को ब्रश न करने से मुंह में प्लाक सख्त हो जाता है। जब यह प्लाक कैल्सीफायर हो जाता है, तो यह टार्टर में बदल जाता है, जिसे साधारण ब्रशिंग से साफ नहीं किया जा सकता। टार्टर को हटाने का एकमात्र प्रभावी तरीका डेंटिस्ट के पास जाकर दांतों की सफाई करवाना है।
हृदय रोग की संभावना
कुछ अध्ययनों के अनुसार ओरल हेल्थ में लापरवाही, मसूड़ों की बीमारी और हृदय रोग के बीच एक संबंध पाया गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दांतों के आसपास मसूड़ों मे सूजन, खून निकलना और हाड़ियाँ कमजोर होने के कारण बैक्टीरिया धमनियों में रक्तप्रवाह में भी जा सकते हैं। जो हृदय में रक्त के प्रवाह को सीमित कर सकता है।
इन टिप्स को करें फॉलो
- बेहतरीन ओरल हेल्थ बनाए रखने के लिए एक दिन में दो बार 2 मिनट के लिए अपने दाँतों को ब्रश करें।
- दांतों की सफाई के लिए सही टूथब्रश का इस्तेमाल करें। अगर आपको मैन्युअल ब्रश से परेशानी है, तो इलेक्ट्रिक ब्रश का इस्तेमाल करें।
- फ्लोराइड दांतों के स्वास्थ्य को काफ़ी हद तक बेहतर बनाता है, इसलिए फ्लोराइड टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें। जिससे दांत मज़बूत होंगे ।
- अगर काफी समय से ब्रश का इस्तेमाल कर रहे हैं तो टूथब्रश बदल लें । क्योंकि 2 से तीन महीने मे ब्रश के ब्रिसल्श टूट जातें हैं
- ब्रश को मसूड़ों पर बहुत ज़्यादा न रगड़ें। ऐसा करने से मसूड़ों को नुकसान हो सकता है।
- कुछ खाने पर दांतों के बीच कुछ अंश रह जाता है जिससे बहुत सारी गंदगी जम जाती जो दाँतों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए दिन मे एक बार फ्लॉस जरूर करें
- कुछ भी खाने के तुरंत बाद पानी से कुल्ला जरूर करें। इससे भोजन में मौजूद एसिड को बाहर निकालने में मदद मिलती है