कांग्रेस ने स्नातक स्तर पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीटÓ में धांधली का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि इसकी उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच होनी चाहिए, ताकि प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को न्याय मिल सके। राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) का परिणाम गत चार जून को घोषित किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, पेपर लीक, धांधली और भ्रष्टाचार नीट समेत कई परीक्षाओं का अभिन्न अंग बन गया है. इसकी सीधी जि़म्मेदारी मोदी सरकार की है. उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों के लिए भर्ती परीक्षाओं में भाग लेना, फिर विभिन्न अनियमितताओं से जूझना, पेपर लीक के चक्रव्यूह में फंसना- उनके भविष्य से खिलवाड़ है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा ने देश के युवाओं को ठगा है। उन्होंने कहा, ”हमारी मांग है कि उच्चतम न्यायालय की देखरेख में एक उच्च-स्तरीय जांच होनी चाहिए, जिससे नीट व अन्य परीक्षाओं में भाग लेने वाले हमारे प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को न्याय मिले। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने एक्स पर पोस्ट किया, पहले नीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ और अब छात्रों का आरोप है कि इसके परिणाम में भी भ्रष्टाचार हुआ है। एक ही सेंटर के छह छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और कई तरह की अनियमितताओं की बातें सामने आ रही हैं। दूसरी ओर, परिणाम आने के बाद देश भर में कई बच्चों के आत्महत्या करने की खबरें हैं. यह बहुत दुखद और झकझोरने वाला है।
उन्होंने सवाल किया कि सरकार लाखों छात्रों की आवाज को अनसुना क्यों कर रही है? प्रियंका गांधी ने कहा, छात्र-छात्राओं को नीट परीक्षा के परिणाम में धांधली से जुड़े वाजिब सवालों के जवाब चाहिए। क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह जांच कराकर इन वाजिब शिकायतों का निस्तारण करे? कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी इस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में लाखों परीक्षार्थियों के साथ घोटाला पूरी तरह से अस्वीकार्य और अक्षम्य है। यह देश के लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ है, जिसकी उच्चतम न्यायालय की देखरेख में उच्च-स्तरीय जांच तुरंत होनी चाहिए। उन्होंने कहा, इस साल पहले इसमें पेपरलीक होने का समाचार आया, जिसे दबा दिया गया। अब मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के कई परीक्षार्थियों ने छात्रों के अंक बढ़ाए जाने के आरोप लगाए हैं। छात्रों का कहना है कि इस बार रिकॉर्ड 67 परीक्षार्थियों ने टॉप रैंक हासिल की और इनमें से छह अभ्यर्थी तो एक ही परीक्षा केंद्र से बताए जा रहे हैं।