कोरबा। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम में रिश्वतखोर सहायक अभियंता व उप अभियंता को गिरफ्तार किया है। दोनों नगर निगम कोरबा में पदस्थ है। ठेकेदार से निर्माण कार्यों के बिल भुगतान की एवज में रिश्वत की मांग दोनों ने की थी। आज दोनों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
कोरबा नगर निगम में डीसी सोनकर सहायक अभियंता के पद पर नगर निगम कार्यालय जोन दर्री कोरबा में पदस्थ हैं। इसके अलावा देवेंद्र स्वर्णकार इसी जोन में उप अभियंता के पद पर पदस्थ हैं। दोनों ने नगर निगम क्षेत्र कोरबा में प्रार्थी ठेकेदार गोढ़ीपारा कोरबा निवासी मानक साहू द्वारा निर्माण कार्य से संबंधित उपयोग, भुगतान किए गए रनिंग बिल व फाइनल बिल की राशि करीबन 21 लाख रुपए भुगतान करने की एवज में 2% कमिशन की मांग की थी। इस बात की शिकायत प्रार्थी ने एंटी करप्शन ब्यूरो कार्यालय बिलासपुर में की थी। एंटी करप्शन ब्यूरो ने शिकायत के सत्यापन के लिए टेप रिकॉर्डर लेकर प्रार्थी मानक साहू को दोनों अभियंताओं से बात करने के लिए भेजा। सौदेबाजी में दोनों अभियंताओं ने 42 हजार की जगह 35 हजार रुपए लेने की सहमति जताई।
शिकायत की पुष्टि होने पर एंटी करप्शन ब्यूरो के अफसरों ने जाल बिछाकर आज 18 जून को प्रार्थी को 35 हजार रुपए देने निगम कार्यालय कोरबा भेजा। प्रार्थी मानक साहू दोपहर करीब एक बजे जब रकम लेकर निगम कार्यालय में सहायक अभियंता डीसी सोनकर के पास पहुंचा तो उसने रिश्वत के रूप में ली जाने वाली रकम दर्री कार्यालय में उप अभियंता देवेंद्र स्वर्णकार को देने के लिए कहा। प्रार्थी के द्वारा रिश्वत की रकम सब इंजीनियर देवेंद्र स्वर्णकार को देने के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रंगे हाथों सब इंजीनियर को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सहायक अभियंता डीसी सोनकर को भी गिरफ्तार किया गया।
दोनों आरोपियों को अभिरक्षा में लेकर उनके विरुद्ध धारा 7,12 पीसी एक्ट 1988 के तहत कार्यवाही की जा रही है। बता दे कि एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ का चार्ज आईपीएस अमरेश मिश्र को मिलते ही प्रदेश में भ्रष्ट अफसरों की शामत आ गई है। पिछले दिनों एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने एक ही दिन अलग-अलग जिलों में कार्रवाई करते हुए रिश्वतखोर आरआई, डिप्टी रेंजर व मानचित्रकार को पकड़ा था।