रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले कई दिनों से चल रही राइस मिलरों की हड़ताल के बीच एक बड़ा मोड़ आया है। मिलरों का एक गुट हड़ताल से अलग हो गया है और उन्होंने एक प्रेस नोट जारी कर इस बात की जानकारी दी। वहीं, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने स्थिति में किसी भी प्रकार के बदलाव से इनकार किया है और कहा है कि उनका गुट अपने स्टैंड पर कायम है। इसके परिणामस्वरूप राइस मिलरों के आंदोलन में अब दो गुट बन गए हैं।
दूसरे गुट ने जारी किए गए बयान में बताया कि आज छत्तीसगढ़ के सभी जिलों और विशेषकर बड़े चावल उत्पादन केंद्रों से राइस मिलरों के प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री अरुण साव, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और खाद्य विभाग के सचिव, एमडी तथा अन्य शासकीय अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भी समय-समय पर उनकी मुलाकातें हुई हैं, जिनमें उन्होंने राइस मिलरों की समस्याओं से अवगत कराया था।
गुट के अनुसार, राज्य सरकार ने मिलरों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को संवेदनशीलता से सुना और उनकी मांगों पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया है। इस बीच, छत्तीसगढ़ के राइस मिलर सरकार के इस आश्वासन से पूरी तरह संतुष्ट हैं और उन्होंने हड़ताल समाप्त करने का ऐलान किया है।
इस गुट ने यह भी घोषणा की कि वे आने वाले समय में राइस मिलरों की मांगों को प्रभावी रूप से उठाने के लिए संभागीय टीम बनाएंगे, जो मिलरों की समस्याओं से शासन को अवगत कराएगी। साथ ही, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सभी राइस मिलर एकजुट हैं और किसी तीसरे पक्ष को उनके मामले में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है।
गुट ने यह भी कहा कि प्रदेश में कुछ स्वार्थी समूह किसानों और मिलरों के बीच भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन अब इस भ्रम का निवारण हो चुका है। मिलर सरकार के साथ खड़े हैं और किसानों के हित में काम कर रहे हैं। सरकार द्वारा खरीदी गई धान का मीलिंग करने में वे पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और धान का उठाव भी शुरू हो चुका है।