० गरियाबंद वन मंडल अंतर्गत इंदागांव देवभोग वन परिक्षेत्र का मामला
गरियाबंद। गरियाबंद वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र इंदागाव देवभोग अमलीपदार छैला जंगल में आरोपी द्वारा जंगल में फंदा लगाकर वन्य प्राणी तेंदुआ का शिकार किया गया है वन विभाग द्वारा आरोपी को पकड़कर वन अधिनियम के तहत अपराध पंजीकृत कर जेल भेजा गया है.
वन विभाग द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया की छ.ग. वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख छ.ग. रायपुर श्री व्ही. श्रीनिवास राव, भा.व.से. एवं मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त रायपुर राजू अगासीमनी, भा.व.से. के निर्देश तथा वन मंडलाधिकारी गरियाबंद वनमंडल गरियाबंद लक्ष्मण सिंह भा.व.से. के मार्गदर्शन में उप वनमंडलाधिकारी देवभोग राजेन्द्र सोरी द्वारा गठित सामूहिक गश्ती दल द्वारा दिनांक 19.05.2024 को इंदागांव (देवभोग) परिक्षेत्र के उप परिक्षेत्र अमलीपदर मैनपुर विकास खंड अन्तर्गत परिसर छैला में वन एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा हेतु सामूहिक गश्ती के दौरान ज्ञात हुआ कि वन क्षेत्र कक्ष क्रमांक 987 आर.एफ. के वन क्षेत्र में एक तेन्दूआ मृत अवस्था में पाया गया।
इस संबंध में पतासाजी करने पर संदिग्ध आरोपी राजमन वल्द डोला, जाति-गोंड़ उम्र 49 वर्ष ग्राम-हल्दी, पोस्ट-गोना, थाना-रायघर, जिला-नवरंगपुर (उड़ीसा) को पकड़ा गया। आरोपी द्वारा वन्यप्राणियों के अवैध शिकार के उद्देश्य से फंदा लगाया गया था। आरोपी से पूछताछ किये जाने पर अपराध की स्वीकारोक्ति उपरांत विधिवत् कार्यवाही में लेते हुये, राजमन वल्द डोला, जाति गोंड़, उम्र 49 वर्ष, ग्राम-हल्दी, पोस्ट-गोना, थाना-रायघर, जिला-नवरंगपुर (उड़ीसा) के विरूध्द वन अपराध प्रकरण पी.ओ.आर. क्रमांक 17445/13 दिनांक 19.05.2024 जारी कर विवेचना में लिया गया है तथा न्याय विचार का अधिकार माननीय न्यायालय महोदय को होने के कारण आरोपी को माननीय न्यायालय गरियाबंद के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आरोपी को वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 2 (1) 9,39,50,51 (1), 52 के तहत् 15 दिवस के रिमाण्ड में जेल दाखिला किया गया, प्रकरण में विवेचना जारी है। मृत तेन्दूआ का नियमानुसार शव परीक्षण उपरांत विधिवत दाह संस्कार किया गया। अन्य अपराधियों की पतासाजी एवं घर-पकड़ हेतु टीम गठित किया जाकर अग्रिम कार्यवाही किया जा रहा है। इस कार्यवाही में अश्वनी दास मुरचुलिया, वन परिक्षेत्र अधिकारी इंदागांव (देवभोग), बिम्बाधर यदू, वनपाल दिनेश चन्द्र पात्र, वनपाल खेत्रमोहन साहू, वनरक्षक लम्बोदर सोरी वनरक्षक खिलेश नगारची, वनरक्षक ओमेश साहू, वनरक्षक लखन राम यादव, बलिराम यादव, अलेख राम, परदेशी प्रधान अग्नि सुरक्षा श्रमिक तथा दैनिक सुरक्षा श्रमिकों का इस कार्यवाही में विशेष योगदान रहा।