छत्तीसगढ़ प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी विधिविभाग के महामंत्री और सरगुजा संभाग प्रभारी राजेश दुबे अधिवक्ता ने मोदी सरकार द्वारा भारतीय दण्ड संहिता,दण्ड प्रक्रिया संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के सिर्फ नामों को बदलकर और कुछ धाराओं को विलोपित कर नये कानून बनाने का ढिंढोरा पीटने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने भारतीय दण्ड संहिता,दण्ड प्रक्रिया संहिता एवं भारतीय साक्ष्य आधिनियम के कुछ धाराओं को विलोपित किया है और कुछ धाराओं में संशोधन किया है एवं कानून के किताब का नाम सिर्फ परिवर्तित किया है और नये कानून बनाने का झूठा प्रचार प्रसार कर रही है।
राजेश दुबे ने आगे कहा कि मोदी सरकार का यह निर्णय नोट बंदी के निर्णय के समान अव्यवहारिक और ज्यूडीसरी को परेशान करने के अलावे कुछ नहीं। मोदी सरकार को जब नया कानून बनाना ही नहीं था तो उसे कानून की उपरोक्त मुख्य किताबों में धाराओं को विलोपित करने और धाराओं में संशोधन करने का अध्यादेश ला सकती थी उसे धाराओं के अंक में परिवर्तन करने की कोई ज़रूरत ही नहीं थी,किंतु मोदी सरकार झूठी वाहवाही के चक्कर में पूरे धाराओं के संख्या में परिवर्तन कर विधि से जुड़े लोगों के सामने काफी बड़ी परेशानी खड़ी कर दिया है,धाराओं के पुराने अंकों पर कई सर्वोत्तम न्याय दृष्टांत प्रतिपादित हुए हैं जो अब कन्फ्यूजन की स्थिति में आ जाएँगे।