जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट ने कथित फीस वृद्धि और मनमानी ढंग से पुस्तक विक्रेताओं के साथ सांठगांठ कर अभिवावकों से तय दुकान से खरीदने को बाध्य करने के मामले पर गिरफ्तार आरोपियों को बड़ी राहत मिली है। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने जबलपुर प्रशासन द्वारा गिरफ्तार किए गए 11 स्कूल प्रिंसिपलों , प्रकाशकों, पुस्तक विक्रेताओं और स्कूल प्रबंधन समितियों के सदस्यों को जमानत पर रिहा कर दिया।
न्यायमूर्ति नागारत्ना व न्यायमूर्ति कोटेश्वर की युगलपीठ ने जमानत देते हुए बड़ी सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को जमानत देते हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल से कहा कि यह कोई आतंकवादी नहीं हैं जो इन्हें जमानत न दी जाए। बता दें कि अधीनस्थ अदालत व हाई कोर्ट से राहत न मिलने के बाद गिरफ्तार सभी आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
यह है मामला
दरअसल मई में कथित घोटाला मामले में 51 लोगों के खिलाफ 11 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें निजी स्कूलों के प्रिंसिपल, प्रकाशक, पुस्तक विक्रेता और स्कूल प्रबंधन समितियों के सदस्य शामिल थे। इनपर आरोप था कि निजी स्कूलों द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से फीस बढ़ाने और पुस्तक विक्रेताओं के साथ साठगांठ कर अभिभावकों को तय दुकान से किताब कापियां खरीदने के लिए बाध्य किया गया। जिला प्रशासन की जांच में भी ये सारे तथ्य सामने आए थे।
जिसके बाद दर्ज हुई एफआईआर स्कूलों के संचालक, प्रिंसिपल एवं अन्य स्टाफ को गिरफ्तार करते हुए कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था।