नई दिल्ली / दिल्ली कूच (Delhi march) के लिए निकले पंजाब के किसानों (Farmers of Punjab) और सुरक्षाबलों के बीच टकराव के चलते शंभू और दातासिंह वाला सीमा (Shambhu and Datasingh wala border) पर तनाव बना हुआ है। बुधवार को दूसरे दिन भी किसानों व सुरक्षाबलों (Farmers and security forces clash) में कई बार झड़पें हुईं। किसानों ने जैसे ही हरियाणा में घुसने की कोशिश की, तो सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले व रबर की गोलियां दागकर उन्हें रोक दिया। दातासिंह वाला सीमा पर रबर की गोलियों से पांच किसान घायल हैं। सरकार व किसानों में चंडीगढ़ में बृहस्पतिवार शाम पांच बजे तीसरे दौर की वार्ता होगी। किसानों ने बैठक तक दिल्ली मार्च रोक दिया है, लेकिन हरियाणा की सीमाओं पर 25 हजार से अधिक किसान जमे हुए हैं।
जींद के दातासिंह वाला सीमा पर बुधवार को किसानों ने दोपहर में सीमा पर लगाए कंटीले तार उखाड़ दिए। सुबह किसानों ने सड़क पर लगाई कीलों को भी उखाड़ दिया था। बैरिकेडिंग के पास तैनात सुरक्षाकर्मियों पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव भी किया। किसानों ने अपने बीच बैठे सीआईडी कर्मचारी सत्येंद्र पाल सिंह को बंधक बना लिया। वह उनकी रणनीति जानने का प्रयास कर रहा था।
प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले, पानी की बौछार और रबर की गोलियां तक चलाईं। बुधवार को भी ड्रोन से आंसू गैस के गोले किसानों पर गिराए गए। वहीं, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने हरियाणा के सीएम मनोहरलाल से कहा कि वह किसानों को दिल्ली जाने दें।
सरकार से मिला वार्ता का न्योता
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि बृहस्पतिवार की बैठक के लिए उन्हें सरकार की तरफ से पत्र के जरिये न्योता मिला है। किसान सरकार से टकराव नहीं चाहते और वार्ता के लिए तैयार हैं। बैठक में किसानों की तरफ से ये दोनों नेता शामिल होंगे, जबकि केंद्र की तरफ से मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय शामिल होंगे। सोमवार को चंडीगढ़ में ही किसानों के साथ हुई दूसरे दौर की वार्ता में गोयल और मुंडा शामिल थे।
वहीं, किसानों के साथ तीसरे दौर की वार्ता से पहले नई दिल्ली में बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों की बैठक हुई। इसमें मुंडा के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कुछ अन्य मंत्री शामिल थे। राजनाथ सिंह पहले कृषि मंत्री रह चुके हैं। बैठक में किसानों के मुद्दे पर समाधान निकालने पर चर्चा की गई।
तीन मांगें पूरी होने तक आंदोलन
डल्लेवाल और पंधेर ने बताया कि तीन मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। ये मांगें हैं-एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्जमाफी और बिजली अधिनियम रद्द करना। राज्य की सीमा पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती, पुलिस की कार्रवाई और ड्रोन के इस्तेमाल पर भी पंधेर ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं, तो बलप्रयोग क्यों किया जा रहा है।
सुरक्षाबलों की तैयारी से नहीं बढ़ सके किसान
अंबाला में शंभू सीमा पर भी दिनभर सुरक्षाबलों व किसानों में झड़प होती रही। रास्ते के अवरोधक हटाते किसानों पर सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां बरसाईं। यहां सुबह के समय ही बड़ी संख्या में किसान पहुंच गए थे। सुरक्षाबलों की जबरदस्त तैयारी के कारण किसान आगे नहीं बढ़ सके।